शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने ब्यास नदी के बेसिन और इसकी सहायक नदियों और नालों में लगे स्टोन क्रशर बंद कर रखे हैं. भारी बारिश के बाद हुए नुकसान को देखते सरकार ने यह फैसला लिया था, लेकिन अब जबकि बरसात तकरीबन खत्म है, इन क्रशरों को खोलने का सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. क्रशर बंद होने से प्रदेश कई इलाकों में रेत-बजरी की भारी किल्लत हो गई है. जिसके निर्माण कार्य रुक गए हैं. वहीं, इससे सैंकड़ों लोग एकाएक बेरोजगार हुए हैं.
प्रदेश सरकार ने 128 क्रशरों को बंद करने के फरमान करीब एक महीने पहले लिए थे. ये स्टोन क्रशर ब्यास नदी के बेसन और इसकी सहायक नदी-नालों के पास लगे हुए हैं. सरकार की ओर से बरसात के दौरान भारी नुकसान को देखते हुए कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में इकोलॉजी में आए पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए इन क्रशरों को बंद किया गया.
सबसे ज्यादा कांगड़ा जिले में 82 स्टोन क्रशर बंद:प्रदेश सरकार ने जिन 128 स्टोन क्रशरों को बंद किया है, उनमें सबसे ज्यादा 82 क्रशर अकेले कांगड़ा जिले के हैं. वहीं, मंडी जिले के 20, हमीरपुर जिले के 16 क्रशर बंद किए गए हैं. इसके साथ ही कुल्लू जिले के 8 और ऊना जिले के भी 2 स्टोन क्रशरों को बंद किया गया है. इस तरह स्टोन क्रशरों की तालाबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित कांगड़ा जिला है. हालांकि मंडी और हमीरपुर जिले के कुछ स्टोन क्रशर भी सरकार के आदेशों के कारण बंद कर दिए गए हैं.
रेत बजरी की भारी किल्लत, कीमतें भी बढ़ी:राज्य में सभी स्टोन क्रशरों को बंद करने के सरकार के फैसले के बाद कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों में रेत, बजरी व अन्य निर्माण सामग्री की कमी हो गई है. यही नहीं सरकार के क्रशर बंद करने से निर्माण सामग्री की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. हालात यह है कि इन इलाकों में रेत व बजरी के दाम 50 फीसदी तक एकाएक बढ़ गए हैं. इन जिलों में कई जगह रेत की एक ट्रॉली 3,600 रुपए तक में मिल रही है, जबकि पहले यह 2,400 रुपये में मिलती थी. इसी तरह बजरी की एक ट्राली भी कई जगह 3400 रुपए तक बिक रही है, जबकि पहले यह 2,300 रुपये में मिलती थी. जिन स्टोन क्रशरों का काम जारी है वे अब ऊंचे दाम पर बजरी व रेत बेचकर चांदी कूट रहे हैं. निर्माण सामग्री की एक तरह ब्लैक में बिकने लगी है. जिन लोगों ने मकान या अन्य कार्य शुरू किए हैं उनको मजबूरन ऊंचे दामों पर यह सामग्री खरीदनी पड़ रही है. हिमाचल के सीमांत इलाकों में निर्माण सामग्री पंजाब से आ रही है जो कि ऊंचे दामों में इससे बेच रहे हैं.
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हजारों लोगों की आजीविका भी प्रभावित:प्रदेश के स्टोन क्रशरों में बड़ी संख्या में रोजगार पर लोग लगे हुए हैं. इसमें प्रत्यक्ष के साथ साथ अप्रत्यक्ष तौर पर काफी ज्यादा रोजगार है. इनमें मजदूर और टिप्पर वाले भी शामिल हैं. वहीं, निर्माण कार्य ना होने से इनमें लगने वाले मजदूर भी बेकार हो गए हैं.