शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात की बारिश के कहर का असर अभी भी जारी है. भारी बारिश के कारण प्रदेश में सड़कों, पुल और पानी की परियोजनाओं सहित लोगों की निजी संपत्ति को हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ है. जानकारी के अनुसार बरसात से अब तक प्रदेश में 6717 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है. प्रदेश में 8536 परिवारों के आशियाने भी भारी बारिश के बाद आए लैंडस्लाइड और बाढ़ की भेंट में चढ़ गए हैं. बरसात में हुए हादसों में 221 लोगों की मौत हुई है.
हिमाचल में बरसात का कहर:मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश को अब तक मानसून से 6717 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा 2116 रुपये करोड़ का नुकसान हुआ है. सैकड़ों सड़कों को नुकसान पहुंचा है. करीब 90 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 19 पुल अबकी बार बह गए. पीडब्ल्यूडी द्वारा बरसात में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की बहाली का काम किया जा रहा है, लेकिन कई जगह बारिश से दोबारा सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 217 सड़कें बंद हैं. इनमें 106 सड़कें पीडब्ल्यूडी शिमला जोन के तहत बंद हैं. जबकि मंडी जोन के तहत 94 सड़कें और कांगड़ा जोन में 16 सड़कें बंद हैं.
प्रदेश में गहराया पेयजल संकट:मानसून की भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुई हैं, जल शक्ति विभाग की करीब 15,389 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. सबसे ज्यादा 7829 पेयजल परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से करीब 7776 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पेयजल परियोजनाएं के बंद हो जाने से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है.