शिमला:हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 503 लोगों की मौत हुई है जो पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा हैं. यह नहीं इस बार ₹9711.95 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जो पिछले साल 2022 की तुलना में ₹7557 करोड़ अधिक है.
पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा मौत: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश में अबकी बार हुई मौतें पिछले पांच सालों में सबसे अधिक है. प्रदेश में अब तक 503 लोगों की मौत हुई है. जबकि 519 लोग जख्मी हुई हैं. यही नहीं अब तक 39 लोग लापता भी हैं. इससे पहले सबसे ज्यादा साल 2021 में 476 मौतें हुई थी. इस साल के आंकड़े को देखें तो सबसे ज्यादा 104 मौतें जिला शिमला में हुई. इसी तरह बिलासपुर में 22, चंबा में 54, हमीरपुर में 23, कांगड़ा में 47, किन्नौर में 18, कुल्लू में 56, लाहौल स्पीति में 7, मंडी में 52, सिरमौर में 37, सोलन में 48 और ऊना में 35 लोगों की जानें इस बारिश में हुई हैं.
2941 मकान पूरी तरह से तबाह:हिमाचल में अबकी बार बड़ी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. राज्य भर में करीब 2941 घर पुरी तरह से तबाह हुए हैं, जिनमें 1172 पक्का मकान और 1769 कच्चा मकान शामिल हैं. वहीं, 12302 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए है. जिनमें 5 961 पक्के मकान और 6,341 कच्चे मकान शामिल हैं. प्रदेश में 239 झोपड़ियां भी आपदा की जद में आईं. इस आपदा में 551 घराटों व श्मशान घाटों को भी नुकसान पहुंचा है. मानसून की बारिश से 421 दुकानों और 7,247 गौशालाएं भी तबाह हो गई हैं.
प्रदेश में ₹9711 करोड़ का नुकसान:मानसून सीजन में बारिश ₹9711.95 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जो पिछले साल के ₹254.06 करोड़ की तुलना में ₹7557.89 करोड़ अधिक है. प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक जल शक्ति विभाग को ₹2419.10 करोड़, लोक निर्माण विभाग को ₹2949.55 करोड़, बिजली विभाग को ₹1917.89 करोड़, बागवानी विभाग को ₹172.65 करोड़, शहरी विकास विभाग को ₹167.65 करोड़, कृषि विभाग को ₹398.20 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को ₹675.14 करोड़, शिक्षा विभाग को ₹212.36 करोड़, मत्स्य पालन विभाग को ₹18.85 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को ₹44.01 करोड़ और अन्य विभागों को ₹125.39 करोड़ का नुकसान हुआ है. इस बार प्रदेश भर में 169 भूस्खलन और 72 फ्लैश फ्लड की घटना रिकॉर्ड की गई.
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