शिमला:हिमाचलप्रदेश में इस बार मानसून सीजन में भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. बाढ़ और भारी बारिश ने सरकारी व निजी संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस मानसून सीजन में अब तक ₹8677 करोड़ का नुकसान हो चुका है. यही नहीं मानसून में हुई भारी बारिश से जानी नुकसान भी हुआ है. इस सीजन में मरने वालों का आंकड़ा 411 तक पहुंच गया है. मौसम साफ होने के बाद सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है, लेकिन अभी भी दूर दराज इलाकों में 128 सड़कें बंद हैं.
लोक निर्माण विभाग को ₹2941 करोड़ का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब ₹8677 करोड़ का नुकसान प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को ₹2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि, क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, लेकिन कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इससे उनकी बहाली में काफी समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 128 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित करीब 900 मशीनें लगा रखी हैं.
जल शक्ति विभाग को ₹2118 करोड़ का नुकसान:हिमाचलमें भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में जल सहित अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब ₹2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.