शिमला:प्रदेश में बीते दिनों से भारी बारिश हो रही है. इससे प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे कई हिस्सों का संपर्क प्रदेश के दूसरे इलाकों से कट गया है. यही नहीं भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं भी ठप पड़ गई हैं. बिजली की लाइनें और खंभे टूटने से कई इलाकों में ब्लैक आउट की स्थिति पैदा हो गई है. इसके साथ ही प्रदेश में बारिश से अब तक 7170 करोड़ का नुकसान हो चुका है. बारिश में होने वाले हादसों में 283 लोगों की जान भी चली गई है.
सड़कों और पुलों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान:प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. बीते दिनों से हो रही बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 7170 करोड़ का नुकसान हो चुका है. सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों और पुलों को हुआ है, इनको करीब 2248 करोड़ क्षति बारिश ने पहुंचाई है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए.
प्रदेश में 621 सड़कें अभी भी हैं बंद:लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो हुआ है. लगातार हो रही बारिश से सड़कें बंद हो रही हैं. इससे कई इलाकों का संपर्क प्रदेश के दूसरे हिस्सों से कट गया है. हालांकि लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली में जुटा है, मगर बारिश के कारण फिर से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में 621 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. इसमें 146 सड़कें पीडब्ल्यूडी के शिमला जोन में, मंडी जोन के तहत 189 सड़कें, कांगड़ा जोन के तहत 95 सड़कें और हमीरपुर जोन में 189 सड़कें बंद हो गई हैं.
पानी की 1500 से ज्यादा परियोजनाएं बंद:प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. प्रदेश में बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट भरने से 1516 परियोजनाएं बंद पड़ गई हैं. अब तक प्रदेश में जल शक्ति विभाग के 5386 हैंडपंपों सहित 17532 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9317 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 7801 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. लेकिन अभी भी 1516 परियोजनाएं बंद पड़ी हुई हैं. पानी की परियोजनाएं बंद होने से प्रदेश में कई जगह लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2476 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 208 व सीवरेज की 145 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
शिक्षा विभाग को 118 करोड़ का नुकसान: बता दें, अब तक जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1811 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 करोड़ का नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.
9612 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त:प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है. इससे प्रदेश के कई इलाकों में रिहाय़शी व अन्य मकान भी इनकी चपेट में आ रहे हैं. विभिन्न जिलों में 9612 परिवारों के आशियाने अब तक क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1442 मकान पूरी तरह तबाह हुए हैं. इनके अलावा 272 दुकानें और व्यापारिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश में मवेशियों की 2997 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 283 लोगों की जान गई है, जबकि 304 जख्मी हुए हैं.
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