शिमला: राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव और सीनियर आईएएस अफसर प्रबोध सक्सेना का नाम ओडीआई लिस्ट (ऑफिसर्स विद डाउटफुल इंटेग्रिटी) यानी दागी अफसरों की सूची में न डालने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal high court) में सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है. इस बारे में बलदेव शर्मा की तरफ से हाईकोर्ट में आवेदन किया गया था. उनके आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया हुआ है. यह मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद ए सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष लिस्ट किया गया है.
बलदेव शर्मा की तरफ से दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का नाम जानबूझकर ओडीआई लिस्ट में नहीं डाला गया है. मुख्य सचिव को ये मालूम था कि प्रबोध सक्सेना के खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है. इसके बावजूद मुख्य सचिव ने एसीएस सक्सेना का नाम दागी अफसरों की सूची में नहीं डाला. हाईकोर्ट में जब ओडीआई लिस्ट पेश करनी थी तो मुख्य सचिव ने उस सूची में प्रबोध सक्सेना का नाम शामिल नहीं किया. यही नहीं, आवेदन में ये भी आरोप लगाया गया है कि एसीएस प्रबोध सक्सेना को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें राज्य सरकार में संवेदनशील पदों पर तैनात किया गया है.