शिमला: देश के बड़े कारोबारी समूह अडानी ग्रुप की कंपनी मैसर्ज अडानी पावर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपए चुकाने से जुड़े मामले में सुनवाई अब अगले साल होगी. हिमाचल हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 12 जनवरी 2023 तक के लिए टल गई है. मामले की सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष होगी. यहां गौरतलब है कि हाई कोर्ट (Himachal High Court) की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए गए 280 करोड़ रुपए की राशि को अडानी समूह को ब्याज सहित वापिस करने के आदेश दिए थे.
सरकार ने इस मामले में अपील करने में देरी कर दी थी. इस कारण सरकार को अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने की अर्जी भी देनी पड़ी थी. सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी, परंतु कोर्ट ने एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने गत 12 अप्रैल को जारी फैसले में सरकार को आदेश दिए थे कि वह 4 सितंबर 2015 को कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार दो महीने की अवधि में यह राशि अडानी समूह को वापस करे.
एकल पीठ ने यह आदेश अडानी पावर लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर पारित किए. साथ ही आदेश जारी किए थे कि यदि सरकार यह राशि दो माह के भीतर प्रार्थी कंपनी को वापिस करने में विफल रहती है, तो उसे 9 फीसदी सालाना ब्याज सहित तय रकम अदा करनी होगी. 12 अप्रैल को पारित इस फैसले को सरकार ने अपील के माध्यम से खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है. कंपनी ने विशेष सचिव (विद्युत) के 7 दिसंबर, 2017 को जारी पत्राचार को हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी थी.