शिमला:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सैकड़ों सरकारी संस्थान डी-नोटिफाई कर दिए थे. कई संस्थान बंद भी किए गए थे. इस पर हाईकोर्ट में विभिन्न याचिकाओं को एक साथ सुनने के आदेश जारी किए हैं. इस मामले में अदालत अगली सुनवाई 16 मई को करेगी. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ ने दोनों ही पक्षों को मामले से जुड़े सारे दस्तावेज पूरे करने के आदेश जारी किए हैं.
बिना कैबिनेट का गठन कर लिया फैसला:संस्थानों को डी-नोटिफाई करने के मामले से जुड़ी एक याचिका में आरोप लगाया है कि पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में कांगड़ा जिले के जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के कोटला बेहड़ और रक्कड़ में खुले एसडीएम दफ्तर को सुखविंदर सिंह सरकार ने बंद कर दिया था. सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने विगत 12 दिसंबर 2022 को इन्हें बंद कर दिया. कांग्रेस सरकार द्वारा जारी प्रशासनिक आदेश के आधार पर दोनों एसडीएम ऑफिस बंद किए गए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना कैबिनेट का गठन किए ही कांग्रेस सरकार ने पूर्व कैबिनेट के फैसलों को रद्द कर दिया था.