शिमला: स्वास्थ्य विभाग पीपीई किट घोटाले में स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को जमानत मिल गयी है. हालांकि, विजिलेंस डॉ. अजय गुप्ता का 5 दिन का रिमांड मांग रही थी, लेकिन जिला सत्र न्यायाधीश अरविंद मल्होत्रा ने ये कह कर उनकी मांग को खारिज कर दिया कि 10 दिनों में उन्होंने अजय गुप्ता से क्या पूछताछ की. ऑडियो क्लिप के अलावा विजिलेंस के पास गुप्ता के खिलाफ क्या सबूत हैं. इस पर विजिलेंस संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई. थोड़ी देर ब्रेक लेने के बाद सत्र न्यायाधीश ने अजय गुप्ता को जमानत दे दी.
विजिलेंस ने ये भी कहा कि जांच के बीच यदि गुप्ता को छोड़ा जाता है, तो जांच बहुत पीछे चली जाएगी. अजय गुप्ता के फोन कॉल व अन्य रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है. गुप्ता के वकील कश्मीर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि पीपीई किट खरीद कमेटी में स्वास्थ्य सचिव एवं डिप्टी डायरेक्टर का ज्यादा रोल है. ऐसे में अजय गुप्ता को बेवजह गिरफ्तार किया. वहीं, अब निलंबित अधिकारी अजय गुप्ता को 2 लाख सिक्योरिटी व 2 लाख निजी मुचलके व अन्य शर्तों के साथ जमानत दे दी.