शिमला: कोरोना संकट की घड़ी में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है और प्रदेश में दूर-दूर तक कोरोना से लड़ने का सामान पहुंचा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डारेक्टर डॉ. रमेश और उनका स्टाफ मजदूर न मिलने की स्थिति में खुद ही सामान ढो रहे हैं और गाड़ियों से लोड-अनलोड कर रहे हैं.
जब मजदूर नहीं मिले तो हेल्थ डिप्टी डायरेक्टर ने खुद ढोया कोरोना से लड़ने का सामान
डॉ. रमेश और उनके स्टाफ ने खुद ट्रक से कोरोना से लड़ने के जरूरी मेडिकल सामान की बड़ी-बड़ी पेटियां उठाई और स्टोर तक पहुंचाई. यही नहीं स्टोर से विभिन्न जिले के लिए ट्रक में भी सामान को खुद लोड किया.
राजधानी के कसुम्पटी स्थित हेल्थ डीएचएस ( डारेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेस) में पूरे हिमाचल का सामान आता है और यहीं से प्रदेश के अस्पतालों में सामान वितरित होता है. इन दिनों लॉकडाउन के चलते न ही मजदूर मिल रहे हैं और न ही सामान लाने के लिए गाड़ी. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में उप निदेशक डॉ. रमेश चंद ने कोरोना से लड़ने का सामान लाने और प्रदेश के सभी अस्पतालों में सामान पहुंचाने का बीड़ा उठाया. डॉ रमेश और उनके स्टाफ ने खुद ट्रक से कोरोना से लड़ने के जरूरी मेडिकल सामान की बड़ी-बड़ी पेटियां उठाई और स्टोर तक पहुंचाई. यही नहीं स्टोर से विभिन्न जिले के लिए ट्रक में भी सामान को खुद लोड किया.
ईटीवी से विशेष बातचीत में उपनिदेशक डॉ. रमेश चंद ने बताया कि संकट की घड़ी में सबसे जरूरी है कि बीमारी को फैलने से बचाया जाए. उनका कहना था कि इसके लिए जरूरी है कि सभी अस्पतालों में जरूरी सामान जैसे मास्क, सेनिटाइजर, पीपी किट, दवाई समय पर पहुंचाया जाए. मजदूर न मिलने की स्थिति में उन्होंने खुद जिम्मा उठाया और पूरे स्टाफ के साथ स्टोर तक सामान ढोया और प्रदेश भर में सामान पंहुचाने के लिए गाड़ियां भी खुद ही लोड की.