शिमला: गांवों से जुड़े हथकरघा उद्योग (handloom industry) को मंच देने के लिए नाबार्ड ने पहल करते हुए हैंडलूम उत्पादों (handloom products) को मंच देने के लिए बुधवार को खेल परिसर में 3 दिवसीय प्रदर्शनी (exhibition) का आयोजन किया. प्रदेश में 97 फीसदी ग्रामीण लोग सीधे हैंडलूम से जुड़े हैं जिनमें 72 फीसदी महिलाएं हथकरघा से जुड़ी हैं. 73 फीसदी लोगों का हैंडलूम रोजगार का साधन है. यह खुलासा एक सर्वे में हुआ है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि 67 फीसदी लोगों की मासिक आय 5000 ही है.
ऐसे में नाबार्ड ने गांव में रहने वाले और हथकरघा से जुड़े लोगों को बेहतर मंच देने के लिए बुधवार को शिमला में हैंडलूम प्रदर्शनी का आयोजन किया. प्रदर्शनी का उद्घाटन हिमाचल के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने किया. इस दौरान शिमला में 4 जिलों से हथकरघा उद्योग से जुड़े लोग जिसमें मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा के कारीगरों ने अपने उत्पाद की प्रदर्शनी लगाई.
हथकरघा उत्पादों को मंच देने के लिये नाबार्ड आया सामने, शिमला में लगाई गई प्रदर्शनी
शिमला के खेल परिसर में 3 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदेश में 97 फीसदी ग्रामीण लोग सीधे हैंडलूम से जुड़े हैं जिनमें 72 फीसदी महिलायें हथकरघा से जुड़ी हैं. 73 फीसदी लोगों का हैंडलूम रोजगार का साधन है. यह खुलासा एक सर्वे में हुआ है.
उद्योग मंत्री ने कहा कि हथकरघा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके उत्पाद को अच्छे मंच तक पहुंचाने के लिए फ्लिपकार्ट (Flipkart) के साथ एमओयू किया गया है, जिससे ग्रामीण लोग अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचा सकें. साथ ही उनके उत्पाद का अच्छा पैसा मिल सके. उन्होंने कहा कि हथकरघा से जुड़े लोगों को लाभ मिले, इसके लिए योजना बनाने की जरूरत है. यह प्रदर्शनी 3 दिनों तक चलेगी जिसमें हथकरघा से बने उत्पाद बेचे जाएंगे.
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