Guru Pradosh Vrat: शिव जी की आराधना का उत्तम व्रत माने जाने वाला प्रदोष व्रत आज यानी 19 जनवरी को होगा. गुरुवार का दिन होने के चलते इस व्रत को गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ आज यानी 19 जनवरी को 1 बजकर 18 बजे से होगा. तिथि का समापन 20 जनवरी को सुबह 9 बजकर 59 पर होगा. प्रदोष काल में भगवान शंकर की पूजा होने कारण यह व्रत 19 जनवरी को रखा जाएगा. गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 19 जनवरी को शाम 5:49 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा.
हर मनोकामना पूर्ण करेंगे शिव- गुरु प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें. भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाए जाते हैं. गुरु प्रदोष व्रत पर भी भगवान शिव को सफेद पुष्प, भांग, धतूरा, बेल पत्र, चीनी, शहद आदि चढ़ाएं और जल से अभिषेक करें. साथ ही महादेव के समक्ष घी का दीया जलाकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का नियमित जाप करें. पूजा के बाद सफेद चंदन और अक्षत का टीका लगाएं और भोले बाबा को सफेद वस्तु का भोग लगाने के बाद खुद फलाहार लें. पूजा के बाद शिव चालीसा या प्रदोष व्रत की कथा का पाठ भी करें.
माघ महीने में तिल का महत्व- माघ महीने में तिल का इस्तेमाल बहुत ही लाभकारी माना जाता है. पूजा व व्रतों में भी काले तिल का इस्तेमाल फलदायी होता है. गुरु प्रदोष व्रत इस बार माघ महीने में है इसलिये भगवान शव का अभिषेक शुभ मुहूर्त में गुड़ और काले तिल से करें. प्रदोष व्रत की पूजा के बाद प्रसाद बांटा जाता है. माघ महीने में प्रदोष व्रत पर तिल दान करने का भी विशेष महत्व है. इस दिन पक्षियों के लिए भी काले तिल छत या घर के आस पास डालें.
शत्रु रहेंगे दूर और शादीशुदा जीवन में शांति- गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला व्रत माना जाता है. इस व्रत से विवाद या मुकदमों में विजय मिलती है. इसके अलावा विधि विधान से शिव की पूजा करने से शादीशुदा जीवन सुखमय बनता है. साथ ही गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है. तिल से भगवान शिव का अभिषेक करने, तिल दान और पक्षियों को देने से भगवान शिव के साथ साथ शनि भी खुश होते हैं. ऐसा करने से घर से दुख और दरिद्रता का नाश होता है.