हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

OPS के तहत कर्मचारियों के खुलेंगे जीपीएफ अकाउंट, मिलेगी कई सुविधाएं, जानें डिटेल्स

हिमाचल की सुक्खू सरकार ने राज्य कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का तोहफा दे दिया है. अब इन कर्मचारियों से से ओपीएस या एनपीएस के लिए विकल्प मांगा गया है. ओल्ड पेंशन बहाल होने के बाद अब इन कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट खोले जाएंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Etv Bharat
डिजाइन फोटो.

By

Published : May 28, 2023, 4:15 PM IST

Updated : May 28, 2023, 5:07 PM IST

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू कर दी है. सरकार ने इसको लेकर एसओपी जारी कर दी है. अब कर्मचारियों से ओल्ड पेंशन या न्यू पेंशन के लिए विकल्प मांगा जा रहा है. ओल्ड पेंशन अपनाने वाले कर्मचारियों के सरकार अब जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड अकाउंट खोलेगी, जो 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नहीं थे. अब जबकि ओल्ड पेंशन बहाल कर दी गई है तो इन कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट खोले जाएंगे. जीपीएफ अकाउंट, जीपीएफ रूल्स 1960 के तहत खोले जाने का प्रावधान है.

OPS के तहत खुलेगा GPF अकाउंड: ओल्ड पेंशन के तहत कर्मचारियों के लिए जीपीएफ अकाउंट खोलने का प्रावधान है. जबकि एनपीएस के तहत कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम था. हालांकि, हिमाचल में साल 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों के लिए अभी भी जीपीएफ अकाउंट खोले गए हैं. जिसमें कर्मचारी अपने वेतन का एक निर्धारित हिस्सा जमा करवा रहे हैं. अब जबकि सरकार ने 2004 के बाद के नियुक्त कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन के दायरे में लाने का फैसला किया है तो, इसमें आने वाले कर्मचारियों को भी अब जीपीएफ अकाउंट की सुविधा मिलने लगेगी. हालांकि, इसमें अभी कुछ समय लगेगा.

OPS विकल्प के लिए यह है प्रक्रिया:ओल्ड पेंशन के विकल्प देने वाले कर्मचारियों को एक परफोरमा इसके लिए भरना होता है. इसमें कर्मचारी की डिटेल होती है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन और कितनी वह डिडक्शन करना चाहता है. उसका भी ब्यौरा होता है. इसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का न्यूनतम 10 फीसदी हिस्सा जमा करवाना जरूरी होता है. इस तरह इस परफार्मा को शिमला स्थित प्रधान महालेखाकार कार्यालय (एजी) कार्यालय को संबंधित विभाग के डीडीओ ( ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग आफिसर) के माध्यम से भेजा जाता है. एजी ऑफिस इस परफोरमा को चेक करता है और इसके बाद कर्मचारी को जीपीएफ नंबर जारी किया जाता है. इसके बाद उस कर्मचारी द्वारा निर्धारित राशि का हर माह डिडक्शन किया जाता है जो कि इसके कार्यकाल तक बना रहता है.

कर्मचारियों के खुलेंगे जीपीएफ अकाउंट

जीपीएफ के लिए पात्रता:सरकारी कर्मचारी जिसकी एक साल की रेगुलर सर्विस हो, वह जीपीएफ अकाउंट के लिए पात्र है. पुर्ण रोजगार के तहत लगे कर्मचारी भी इसका लाभ जारी रख सकते हैं. हालांकि पहले 2003 से पहले नियुक्त कर्मचारी इसके लिए पात्र थे, अब ओपीएस लागू होने के बाद इसके बाद के भी कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे.

कर्मचारियों के खुलेंगे जीपीएफ अकाउंट

कर्मचारी को मिलेगी एडवांस रकम की सुविधा:जीपीएफ वाला कर्मचारी एकाउंट में जमा पैसों को भी वापस ले सकता है. एडवांस में कर्मचारी अधिकतम तीन माह के वेतन के बराबर या जमा राशि का आधा पैसे, जो भी कम है, उसको ले सकता है. कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए, उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए, विवाह या अन्य कार्यक्रमों आदि के लिए एडवांस में पैसे ले सकता है.

जीपीएफ फंड निकालने के लिए नियम: कर्मचारी जीपीएफ 15 साल की सेवाओं के बाद या रिटायरमेंट के 10 साल पहले निकाल सकता है. इसमें कर्मचारी को छह माह का वेतन या जीपीएफ अकाउंट के पचास फीसदी राशि में से जो भी कम है, निकाली जा सकती है. इसमें बच्चों की पढाई, विवाह, मेडिकल खर्च, मकान खरीदने या लोन को चुकाने आदि के लिए यह पैसा निकाला जा सकता है. सरकार जीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज भी देती है, जो कि मौजूदा समय में 7.1 फीसदी है.

कर्मचारी के नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के बाद वह जीपीएफ में जमा सारी रकम को निकाल सकता है. जीपीएफ के तहत जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज और इस पूरी राशि को निकालने पर कर में छूट दी जाती है.

गैर सरकारी कर्मचारी के लिए ईपीएफ अकाउंट:इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) इसको ईपीएफ एक्ट 1952 के तहत लागू किया गया है. कोई भी गैर सरकारी संस्थान जहां 20 या इसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके लिए ईपीएफ अकाउंट खोलना जरूरी है. इसमें कर्मचारी के वेतन का 12 फीसदी जमा होता और उसका संस्थान भी 12 फीसदी राशि जमा करवाता है. इस राशि को रिटायरमेंट के बाद निकाला जा सकता है. इसमें तीसरे व पांचवें साल पर लोन लिया जा सकता है, जो कुल राशि अधिकतम 25 फीसदी हो सकता है. इसमें फंड 15 साल में मैच्योर होता है.

ओपीएस या एनपीएस का विकल्प:हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार का कहना है कि सरकार ने 2003 के बाद लगे कर्मचारियों से ओपीएस या एनपीएस का विकल्प मांगा है. ओपीएस का विकल्प देने के बाद कर्मचारियों को संबंधित विभाग के माध्यम से एक परफोरमा कर एजी ऑफिस में जमा करवाना होगा. एजी आफिस इसकी स्क्रूटनी करेगा और इसके आधार इसका फैसला लेगा. एजी आफिस कर्मचारियों को एक जीपीफ नंबर जारी करेगा, जिसमें हर माह एक निर्धारित राशि कर्मचारी के वेतन से जमा होने लगेगी. जीपीएफ अकाउंट में कई सुविधाएं कर्मचारियों को मिलती हैं. ऐसे में कर्मचारियों को इसका फायदा होगा.

विनोद कुमार ने कहा हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू कर एक बड़ा एतिहासिक फैसला लिया है. इन कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान जीपीएफ एकाउंट की सुविधा मिलेगी. वहीं, ओपीएस लागू करने से रिटायरमेंट के बाद एक अच्छी पेंशन कर्मचारियों को मिलने लगेगी. सरकार के इस फैसले से हिमाचल के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है.

ये भी पढ़ें:हिमाचल में तकनीकी शिक्षा पर जोर, ITI में शुरू होंगे ड्रोन टेक्नीशियन कोर्स: संजय अवस्थी

Last Updated : May 28, 2023, 5:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details