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शिमला में हुआ अनियंत्रित निर्माण, टीसीपी-नगर निगम सोच-समझकर दे निर्माण की अनुमति: राज्यपाल

शिमला में अनियंत्रित तरीके से हुए निर्माण कार्य को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि निर्माण को बहुत समझकर अनुमति दी जानी चाहिए. वहीं, आपदा की घड़ी में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, स्थानीय लोगों और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटे लोगों एवं मजदूरों के साथ खड़े होने की बात कही हैं. पढ़ें पूरी खबर.. (Governor Shiv Pratap Shukla)

Governor on uncontrolled construction in Shimla
शिमला में अनियंत्रित निर्माण पर बोले राज्यपाल

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Published : Aug 19, 2023, 8:56 PM IST

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का बयान

शिमला:प्रदेश में अबकी बार मानसून में भारी नुकसान हुआ है. काफी मकान बारिश में ढह गए हैं और कई खतरे की जद में है. इसके लिए काफी हद तक शहर में अवैध तरीके से निर्माण को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है. दरअसल, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शिमला में अनियंत्रित तरीके से हुए निर्माण कार्य पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि शिमला में अनियंत्रित निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि पहले शिमला में निर्माण कार्य करते समय नक्शे पास हुए है या नहीं, लेकिन भविष्य में इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

अनियंत्रित निर्माण को नहीं दी जानी चाहिए अनुमति:उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (टीसीपी) और संबंधित विभागों को यह देखना होगा कि शिमला को कैसे बचाया जा सकता है. शिमला की पहाडियां कच्ची है, ऐसे में आगे निर्माण को बहुत समझकर अनुमति दी जानी चाहिए. यह देखा जाना चाहिए कि कौन सी जगह बसने लायक है और वहीं निर्माण की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (टीसीपी) और नगर निगम शिमला के साथ बैठक करके निर्माण कार्य के मानक तय करने चाहिए. उन्होंने कहा कि शिमला के पुराने वैभव को बचाने के लिए निर्माण कार्य को सुनियोजित तरीके से करना अनिवार्य है.

टीम के आंकलन के आधार पर दी जाएगी मदद:राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से आई आपदा के बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर बात की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी मदद की है और उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार की टीम ने जो आंकलन किया है उसके आधार पर आगे भी मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद की अपनी मर्यादा होती है. वहीं मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य नेता प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से बात करते हैं. ऐसे में वह एक सीमित दायरे में ही रहकर ही कार्य कर सकते हैं.

विपरीत परिस्थिति से गुजर रहा है राज्य:शिव प्रताप शुक्ला ने प्रदेश में भारी बारिश से हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य विपरीत परिस्थिति से गुजर रहा है. इस आपदा से निपटने के लिए हर व्यक्ति सहयोगी बना है और राजभवन भी अपने स्तर पर राहत देने का काम कर रहा है. राजभवन ने राज्य रेडक्रॉस के आध्यम से अभी तक 11 वाहन राहत सामग्री के भेजे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने आपदा के समय राजभवन से बाहर निकल कर क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित से भी मिले. राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में जिन स्थानों पर प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है, वहां पर वह खुद गए और सोलन जिला में तो 2 किलोमीटर तक पैदल चले.

राज्यपाल ने कहा कि वह मैदानी क्षेत्र से संबंध रखते हैं, लेकिन प्रदेश के राज्यपाल होने के नाते वह अपने दायित्व के निर्वहन में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. वह आपदा की घड़ी में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, स्थानीय लोगों और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटे लोगों एवं मजदूरों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते बड़े स्तर पर जन-धन की हानि हुई है और अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है.

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