शिमला: हिमाचल की विश्व विख्यात पर्वतारोही बलजीत कौर को आज राज्यपाल ने राजभवन में सम्मानित किया. दरअसल, बलजीत कौर मौत को मात देकर कुछ दिनों बाद अपने घर वापस लौटी थी. बलजीत कौर को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के साथ ही एक माह के कम समय में एवरेस्ट सहित 8 हजार मीटर से ऊंची 5 पर्वत चोटियों को फतह करने का गौरव हासिल है.
राज्यपाल ने जज्बे को सराहा:दरअसल, अप्रैल माह में बलजीत कौर ने दुनिया की 10 वीं सबसे ऊंची चोटी अन्नपूर्णा को बिना ऑक्सीजन के फतेह किया था, हालांकि चोटी से वापस लौटते समय वह पूरी तरह से बेहोश हो गईं थी और बाद में होश आने पर उन्होंने अपने सैटेलाइट फोन से सूचना दी. तब जाकर गंभीर हालात में उनको हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया था. हिमाचल सहित पूरा देश उनकी सलामती की दुआ करता रहा. फिलहाल बलजीत कौर अपने घर वापस लौटीं. आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने राजभवन में उन्हे सम्मानित किया और उनके जज्बे को सराहा.
बलजीत कौर को राजभवन में सम्मानित करते राज्यपाल 'दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर लहराया भारत का तिरंगा':इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि बलजीत कौर ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराया है. बलजीत कौर ने एक महीने से कम समय में एवरेस्ट समेत आठ हजार से ऊंची पांच पर्वत चोटियों पर चढ़कर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिया. राज्यपाल ने जिंदगी और मौत की बीच की जंग जीतकर माउंट अन्नपूर्णा को फतेह कर वापस घर आई बलजीत कौर के अद्वितीय साहस को प्रेरणादायक बताया.
वहीं, बलजीत कौर ने माउंट एवरेस्ट सहित अपने अन्य पर्वतारोहण के अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि अन्नपूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी है और इसे उन्होंने बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के फतेह किया था. इस दौरान हुए पूरे घटनाक्रम की उन्होंने जानकारी दी. उन्होंने राज्यपाल का इस दौरान अस्पताल में फोन करने पर आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर बलजीत कौर की माता शांति देवी भी उपस्थित रहीं.
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