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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने याद किए आपातकाल के दिन, बोले- कैदियों के सुधार के लिए उठाए जाएं कदम

शिमला में बुधवार को जेल में कैदियों को सकारात्मक कार्यों से जोड़ना विषय पर आजोयित कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी शामिल हुए. राज्यपाल ने कार्शाला में संबोधन के दौरान आपातकाल के दिनों को याद किया.

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Published : Sep 18, 2019, 8:52 PM IST

Governor Bandaru Dattatreya remember days of emergency

शिमला: राजधानी शिमला में बुधवार को जेल में कैदियों को सकारात्मक कार्यों से जोड़ना विषय पर आजोयित कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने देशभर से आए डीजीपी (जेल) को संबोधित किया.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पदभार संभालने के बाद प्रदेश में यह उनका पहला कार्यक्रम है और वह जेल सुधार के मामलों में तथा कैदियों के पुनर्वास के प्रति चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य ने कैदियों के पुनर्वास की दिशा में सराहनीय कार्य किया है और हर हाथ को काम परियोजना की भी व्यापक सराहना की.

राज्यपाल ने इस परियोजना के लिए पुलिस महानिदेशक जेल की भी प्रशंसा की और कहा कि हिमाचल में महिला कैदियों को जेल के बाहर रोजी रोटी कमाने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं और अन्य राज्यों को भी इसे अपनाना चाहिए.

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राज्यपाल दत्तात्रेय ने पेशी और ई-परिजन सॉफ्टवेयर के लिए जेल विभाग के प्रयासों की सराहना की. राज्यपाल ने कहा कि ना केवल मुख्यालय और जेल बल्कि, कैदियों और उनके परिजनों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा के लिए भी सराहना की. उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभाग विषय में भी कैदियों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आधुनिक प्रयास जारी रखेगा.

राज्यपाल ने याद किए आपातकाल के दिन
वहीं, अपने संबोधन में उन्होंने आपातकाल के दिनों को भी याद किया. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि आपातकाल के विरोध में जब जेल जाना पड़ा तो उस समय भी सीखने को बहुत कुछ मिला. आपातकाल के दौरान वे जेल में रहे जहां उनको कैदियों से बातचीत करने का मौका मिला.

राज्यपाल ने बताया कि इस दौरान कैदियों के जीवन के बारे में भी उन्हें काफी कुछ जानने का अवसर मिला. बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जेलों में कैदी काफी संख्या में हैं और इस मानवीय शक्ति का उचित दोहन होना चाहिए.

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