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राज्यपाल ने वर्चुअल माध्यम से चैतन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी तेलंगाना का उद्घाटन - चैतन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी तेलंगाना का उद्घाटन

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार राजभवन से वर्चुअल माध्यम से चैतन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी तेलंगाना का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने चैतन्य यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा हासिल करने पर बधाई दी.

governor Bandaru Dattatreya
governor Bandaru Dattatreya

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Published : Sep 2, 2020, 9:36 PM IST

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार राजभवन से वर्चुअल माध्यम से चैतन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी तेलंगाना का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने चैतन्य यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा हासिल करने पर बधाई दी.

साथ ही कहा कि वर्ष 2010 के बाद केवल चार संस्थानों को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा यह दर्जा प्रदान किया गया है, जिनमें चैतन्य भी एक है. उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा प्रदान की जा रही गुणात्मक शिक्षा का पता विद्यार्थियों द्वारा सभी पाठ्यक्रमों के प्रति रूझान और परिसर में की गईं नियुक्तियों से चलता है. यह संस्थान परिसर नियुक्तियों के मामले में पूरे भारतवर्ष में 31वें स्थान पर है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति लाखों बुद्धिजीवियों के परामर्श, विभिन्न बैठकों और सेमिनारों के आयोजन और सुझाव प्राप्त करने के बाद बनाई गई है. पिछले साढ़े तीन दशकों से शिक्षा नीति में बड़े बदलाव नहीं किए गए थे.

राज्यपाल ने वर्चुअल माध्यम से चैतन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी तेलंगाना का उद्घाटन

यह 21वीं सदी के प्रथम शिक्षा नीति है, जिसमें देश के विभिन्न विकासात्मक बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक शिक्षा संरचना के सभी पहलुओं पर आधारित एक विस्तृत दस्तावेज है, जिसमें 21वीं सदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों वाली एक नई प्रणाली विकसित करने पर बल दिया गया है.

राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि जिस समय विश्व में लोगों को उच्च शिक्षा की कोई जानकारी नहीं थी, उस समय प्राचीन भारत में तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला व वल्लबी जैसे विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, माधव, चरक, सुश्रुत व पतंजलि जैसे विख्यात विद्वान हुए.

राज्यपाल दत्तात्रेय ने आशा व्यक्त करते हुए कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र कार्यान्वयन से हम निश्चित रूप से व्यावसायिक व गैर-व्यावसायिक क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता, देश और विदेश में रोजगार के अवसरों का उपयोग करने के लिए विद्यार्थियों के ज्ञान व कौशल में वृद्धि करेंगे. ‘सभी के लिए शिक्षा’ के मुख्य उद्देश्य को पूरा किया जाएगा.

चैतन्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ. सीएचवी पुरूषोतम रेड्डी ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह चैतन्य देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने स्नातक व स्नातकोत्तर की अन्तिम वर्ष की परीक्षाएं और यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ‘ऐट होम एग्जाम’ के माध्यम से पीएचडी पात्रता परीक्षाएं करवाई हैं.

कुलपति प्रो. जी दामोदर ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उद्घाटन समारोह अप्रैल में आयोजित होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा.

रजिस्टार प्रो. एम रविन्द्र, विश्वभारती शिक्षा संस्थान के सदस्य, प्रबन्धन बोर्ड के सदस्य, डीन्ज, विश्वविद्यालय के अध्यापकगण, विद्यार्थी और उनके अभिभावक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस समारोह में शामिल हुए. राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर शिमला में उपस्थित थे.

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