शिमला: वित्त आयोग सहित कैग का मानना है कि पर्यटन सेक्टर हिमाचल की आर्थिकी को सहारा देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. हिमाचल में नए पर्यटन स्थल विकसित कर सैलानियों के ठहराव का समय बढ़ाकर जीडीपी में उछाल आ सकता है. इन्हीं सलाहों को ध्यान में रखते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं.
बजट में कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल के तौर पर विकसित करने के लिए कई ऐलान किए गए हैं. हिमाचल सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में एक साल में दो करोड़ से अधिक सैलानियों की आमद को सुनिश्चित किया जाए. हिमाचल में अभी तक सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद नहीं हुआ है. हालांकि एक बार हिमाचल सरकार इस लक्ष्य के करीब पहुंची जरूर थी. खैर, खजानो को राहत की सांस मिले, इसके लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किए गए हैं.
बजट में कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित करने के लिए 390 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है. कांगड़ा में शक्तिपीठ हैं और यहां दलाई लामा के आकर्षण में खिंच कर विदेशी सैलानी भी आते हैं. बजट में सीएम ने कांगड़ा में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का गोल्फ कोर्स स्थापित करने का ऐलान किया है. इसके अलावा मां बगुलामुखी के शक्ति स्थल देहरा के बनखंडी में चिड़ियाघर भी बनेगा. इसके लिए भूमि पहले से ही चिन्हित की जा चुकी है. बजट प्रस्ताव में चिड़ियाघर के लिए कुल बजट के तीन सौ करोड़ रुपए में से 60 करोड़ रुपए पहले साल में दिए गए हैं.
हिमाचल में एडीबी के सहयोग से पर्यटन सेक्टर में 1311 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. एडीबी से मिलने वाले सहयोग से हमीरपुर जिला को 257 करोड़ रुपये, कुल्लू जिला को 229 करोड़, शिमला जिला को 123 करोड़, व मंडी जिला को 138 करोड़ रुपए का हिस्सा मिलेगा. मंडी में पूर्व सरकार के प्रोजेक्ट शिव धाम का विकास होगा. इसके अलावा मनाली में आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक, शिमला में आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक का अपग्रेडेशन होगा.
चूंकि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और यहां का अधिकांश सफर सडक़ मार्ग के जरिए ही तय होता है, लिहाजा समय की बचत हो सके इसके लिए हर जिला में हैलीपोर्ट बनाए जाएंगे. हैलीटैक्सी के जरिए सैलानी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जल्दी पहुंच सकेंगे. हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और ऊना जिलों में पूरा साल हवाई सेवाएं मिल सकें, इसके लिए हैलीपोर्ट सुविधा मिलेगी. इन हैलीपोर्ट के निर्माण और विकास पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
वहीं, बहुचर्चित कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार भी किया जाएगा. इसके लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा हिमाचल में एडवेंचर टूरिज्म, विलेज टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स पर भी फोकस किया जाएगा. हिमाचल में कोरोना के समय टूरिज्म सेक्टर को बहुत नुकसान हुआ है. कोरोना संकट से उबरने के बाद हिमाचल का टूरिज्म सेक्टर गति पकड़ रहा है. राज्य सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023-24 में हिमाचल में दो करोड़ सैलानी आएंगे. अब सरकार का फोकस सैलानियों का वीकेंड ठहराव का ट्रेंड बदलकर उसे लांग स्टे तक लाना है.
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