शिमला:आज के समय में हिमाचल के युवा बेहतर रोजगार पाने के लिए अधिक पैसा कमाने की चाह में अपना कैरियर और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हिमाचल से बाहर मेट्रो सिटी ओर विदेशों की ओर पलायन कर रहे है, लेकिन इसी बीच शिमला के दो युवा ऐसे है जिन्होंने विदेश में पढ़ाई के बाद अपनी अच्छी आमदनी देने वाली नौकरियों को अलविदा कह कर हिमाचल में वापसी की है.
यहां हिमाचल में वापस आ कर इन युवाओं ने स्वदेशी उत्पादों को लेकर अपना काम शुरू कर ना केवल अपने लिए स्वरोजगार की एक नई राह बनाई है बल्कि हिमाचल में अपने घरों पर ही छोटे-छोटे उत्पाद तैयार करने वाले महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है. गौतमी श्रीवास्तव ओर सिद्धार्थ लखनपाल ने यह मिसाल पेश की है और अब यह दोनों हिमाचली उत्पादों को देश भर में लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे है.
गौतमी ओर सिद्धार्थ दोनों दोस्तों ने मिलकर यह पहल की है. हिमाचल की वादियों में गर्मियों में जंगलों में बुरांश खिलता है तो उसकी खुशबू ओर रंग से पूरी वादियां निखर जाती है. दोनों ही युवा अपने इस स्टार्टअप के लिए हिमाचल के घरों से निकलने वाले जायके का स्वाद देश भर के लोगों को चखा रहे है.
अलग-अलग आचार, जैम, चटनी,शहद,चूली का तेल,ऊनी सामान, हर्बल साबुन,हर्बल क्रीम के साथ ही चिलगोजे,राजमा ओर हर्बल चाय जिसमें लाहुल स्पीति से सीबकथॉर्न की पत्तियां ला कर उसकी चाय के साथ ही तीर्थंन वैली से चुनकर लाई गई यू हर्बल टी का स्वाद लोगों तक पहुंचा रहे है.
इन सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचा जा रहा है और अब दोनों युवाओं ने मिलकर अपने उत्पादों को बेचने के लिए बुरांश वेबसाइट भी बना डाली है और यह काम भी उन्होंने लॉक डाउन के समय में खुद ही किया है.किसी को पैसे दे कर यह वेबसाइट उन्होंने नहीं बनाई है. अब वेबसाइट बनने के बाद उनका काम और अपने उत्पादों को बेचना ओर लोगों तक पहुंचाना भी आसान हो गया है.
उनकी स्टार्टअप की है खास बात है कि उन्होंने स्टार्टअप में ज्यादा पैसा ना लगाकर कम पैसों से इसकी शुरुआत की है जिससे कि वह स्टार्टअप को शुरू करने से पहले ही कर्जदार ना हो जाए. नौकरी से जितनी सेविंग उनके पास हुई उसी से उन्होंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की है.अब स्टार्टअप में अपने नए विचारों और सोच के साथ काम कर वह इसे अगले मुकाम तक ले जा रहे हैं.