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विदेशी वैरायटी के आगे रॉयल सेब पड़ा फीका, बागवानों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

रामपुर में विदेशी वैरायटी के सेब की डिमांड ज्यादा होने से बागवानों को रॉयल सेब के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. जिसके चलते रॉयल सेब का उत्पादन करने वाले बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

Gardeners are not getting good prices for Royal apple variety
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Published : Aug 12, 2020, 9:36 PM IST

रामपुर:प्रदेश में सेब सीजन रफ्तार पकड़ चुका है, लेकिन सेब मंडियों में बागवानों को रॉयल सेब के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. बागवानों का कहना है कि प्रदेश में कई बागवानों ने विदेशी वैरायटी के सेब उगाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते परंपरागत रॉयल सेब उगाने वाले बागवानों को सेब के अच्छे दाम नहीं मिल रहे.

बागवानों की माने तो विदेशी वैरायटी के सेब सिर्फ चमक दमक तक ही सीमित हैं. उन्होंने बताया कि रॉयल सेब खाने में भी बेहद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होता है, लेकिन विदेशी किस्मों के आगे अब रॉयल सेब फीका पड़ गया है. बागवानों ने सरकार से रॉयल सेब की कीमत तय करवाने की मांग की है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के बागवानों की माने तो हिमाचल के ऊपरी इलाकों में रॉयल सेब को उगाया जाता है, लेकिन विदेशी वैरायटी के आने से उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर रहा है.

बागवानों का कहना है कि पूरे साल महेनत करने के बाद बागवानों को सेब मंडियों में रॉयल सेब के दाम 2 हजार से 2500 रुपये पेटी मिलते हैं. वहीं, विदेशी वैरायटी के सेब की कीमत 3 हजार से 4 हजार रुपये पेटी मिल रहे हैं. ऐसे में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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