शिमला: बारिश का मौसम हर बार अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. बरसात शुरू होते ही जल जनित रोगों के साथ कई अन्य रोग भी सक्रिय हो जाते हैं. उसी तरह आजकल फंगल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ गया है और अस्पतालों में इसके मामले आने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आईजीएमसी शिमला और रिपन हॉस्पिटल में फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. पूरे प्रदेश से रोजाना चेकअप के लिए आने वाले 50 से 60 लोगों में फंगल इंफेक्शन पाया जा रहा है. अकेले आईजीएमसी में दिन के इसके 40 मामले आ रहे हैं. इसके अलावा डीडीयू हॉस्पिटल में भी 15 से 20 केस फंगल इन्फेक्शन के पहुंच रहे हैं. यह एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. इसका शिकार हर उम्र के लोग होते हैं.
फंगल इन्फेक्शन के कारण:बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है. आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि इसके कई कारण हैं जैसे कि, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम के कारण भी फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में जरूरत से ज्यादा पसीना आने से भी फंगल इन्फेक्शन होता है. फंगस वायरस गर्म और नम टेंपरेचर में ज्यादा बढ़ते हैं, यही कारण है कि पसीने से भीगे हुए या गीले कपड़े पहनने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, तंग कपड़े और जूते पहनने से भी फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है.
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण: आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि फंगल इन्फेक्शन का समय से इलाज होना जरूरी है, वरना समस्या और गंभीर हो जाती है. उन्होंने बताया कि इसके लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. फंगल इन्फेक्शन के लक्षण में सबसे खास हैं, शरीर में त्वचा पर लाल रंग के गोलाकार चकत्ते या निशान पड़ना. त्वचा की खाल उतरने लगना. लाल निशानों की जगह पर दर्द और खुजली होना या फिर स्किन का कुछ हिस्सा सफेद और नरम हो जाना. इसके अलावा कई बार इन्फेक्शन वाली जगह पर पस पड़ने के साथ दाने भी हो जाते हैं.