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तो क्या फोरलेन प्रभावितों को फैक्टर-टू के तहत नहीं मिलेगा मुआवजा, अब कैबिनेट करेगी अंतिम फैसला

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने फोरलेन संघर्ष उप समिति के साथ बैठक की. गोविंद ठाकुर ने कहा कि संघर्ष समिति के करीब 12 मुद्दे सरकार के सामने रखे थे. जिनमें से अधिकांश पर सहमति भी बन गई है और समाधान भी निकाल लिया गया है.

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Published : Jul 14, 2021, 8:04 PM IST

फोरलेन संघर्ष उप समिति की बैठक
फोरलेन संघर्ष उप समिति की बैठक

शिमला: चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने फोरलेन प्रभावितों को फैक्टर-टू के तहत भूमि का मुआवजा (compensation) देने का वादा किया था, लेकिन अब यह वादा पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं फोरलेन संघर्ष उप समिति (Four Lane sangharsh sub committee) भी बीच का रास्ता निकालने वाले जयराम सरकार के फार्मूले पर सहमत होती दिख रही है. हालांकि अभी अंतिम फैसला प्रदेश कैबिनेट की बैठक में होना है.

मुआवजे के लिए फैक्टर वन और फैक्टर टू के बीच का कोई मापदंड तय करने की बात बुधवार को सूबे के शिक्षा मंत्री और मनाली से विधायक गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में फोरलेन संघर्ष उप समिति (Four Lane sangharsh sub committee) की बैठक में हुई.

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गोविंद ठाकुर ने कहा कि संघर्ष समिति के करीब 12 मुद्दे सरकार के सामने रखे थे जिनमें से अधिकांश पर सहमति भी बन गई है और समाधान भी निकल लिया गया है. गोविंद ठाकुर ने कहा कि आर्बिट्रेशन के मामलों पर भी चर्चा हुई है. प्रदेश सरकार ने ऐसे मुद्दों के जल्द समाधान का निर्णय लिया है.

गोविंद ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और प्रदेश सरकार राइट-ऑफ-वे से सटी/बाहर भूमि पर हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और प्रदेश सरकार को मिलकर नीति बनाएगी.

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रभावित लोगों को चिन्हित किया जाए और ऐसे प्रभावितों को तुरंत उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को प्रभावित परिवारों का ब्यौरा एकत्रित करने और पुनर्वास नीति के अन्तर्गत मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए उचित कदम उठाए जाएं.

वीडियो रिपोर्ट.

गोविंद ठाकुर ने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के सदस्यों को रोजगार प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को पांच मीटर कंट्रोल ब्रिडथ मामले में राहत प्रदान करने पर विचार करेगी. फोरलेन के लिए भूमि अधिग्रहण से जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं, वहां बाईपास बनाकर उन्हें विस्थापित होने से बचाया जाए.

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