शिमला: हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और राज्य सरकार के पूर्व सीनियर एडवोकेट जनरल राजिंद्र सिंह डोगरा सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल यानी कैट में न्यायाधीश बनाए गए हैं. इस संदर्भ में राष्ट्रपति की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. राजिंद्र सिंह डोगरा कैट की जम्मू बैंच में तैनात होंगे. राजिंद्र सिंह डोगरा शिमला जिले से संबंध रखते हैं. जिला शिमला के रोहड़ू में 12 दिसंबर 1967 को उनका जन्म हुआ था.
राजिंद्र सिंह डोगरा ने अपनी आरंभिक शिक्षा शिमला से हासिल की. उन्होंने बीएससी के बाद अंग्रेजी विषय में एमए की. राजिंद्र डोगरा ने उसके बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से कानून की डिग्री हासिल की. राजिंद्र सिंह डोगरा ने पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में उपाधि हासिल की है. वे पिछले 23 साल से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत कर रहे हैं. अपने वकालत के करिअर में इन्होंने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में राज्य और केंद्र सरकार के मामलों की पैरवी भी की है.
उन्होंने वर्ष 2002 से 2005 तक केंद्र सरकार के एडवोकेट के रूप में काम किया है. वर्ष 2008 से 2009 तक वे हिमाचल सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे हैं. इसके अलावा डोगरा ने वर्ष 2009 से 2013 तक एडिशनल एडवोकेट जनरल के तौर पर सेवाएं दी हैं. वर्ष 2011 में हिमाचल बार काउंसिल के सदस्य और 2012 में चेयरमैन चुने गए. वर्ष 2016 में उन्हें केंद्र सरकार ने सीनियर पैनल एडवोकेट नियुक्त किया. तीन साल पहले यानी वर्ष 2020 में इन्हें हिमाचल सरकार में एक बार फिर से सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया. अब उनकी नियुक्ति कैट की जम्मू बैंच में न्यायाधीश के रूप में हुई है.
बीएल सोनी होंगे हाई कोर्ट के सीजे के प्रधान निजी सचिव: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात बीएल सोनी अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के प्रधान निजी सचिव होंगे. सोनी की नियुक्ति पहली सितंबर 2023 से प्रभावी की गई है. शिमला जिला के रोहड़ू से संबंध रखने वाले बीएल सोनी ने वर्ष 1992 में जिला न्यायालय शिमला में आशुलिपिक के पद पर नियुक्त हुए थे. बाद में वे उच्च न्यायालय में वरिष्ठ आशुलिपिक के रूप में चयनित हुए. बीएल सोनी हिमाचल हाई कोर्ट में कार्यरत विभिन्न कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीशों और अन्य न्यायाधीशों के साथ सचिव के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं. वर्ष 2017 में डिप्टी रजिस्ट्रार के रूप में प्रमोट होने के बाद इन्हें वर्ष 2020 में अतिरिक्त रजिस्ट्रार के रूप में प्रमोट किया गया था. अब वे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव के प्रधान निजी सचिव का कार्यभार देखेंगे.
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