शिमला: नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने कर्फ्यू के चलते दिहाड़ी मजदूरी करने वालों को राशन मुहैया करवाने में सरकार के खिलाफ भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं. संजय चौहान ने कहा कि प्रशासन राशन बांटने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है.
राशन बांटने का काम बीजेपी के बूथ पालकों को सौंपा गया है. बीजेपी जिन्हें राशन देने को कह रही है उन्हीं को राशन दिया जा रहा है और अधिकतर तबके को राशन नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किस अधिकार से राशन बांटने का काम बीजेपी को सौंपा है.
चौहान ने कहा कि प्रशासन को चाहिए था कि नगर निगम के पार्षदों को साथ लेकर शहर में गरीबों, दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों की सूची बनाए और उनके द्वारा ही राशन बांटा जाए, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राशन बांटने के लिए लगाया गया है.
नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि शहर में 20 हजार दिहाड़ी मजदूरी करने वाले हैं, जो कर्फ्यू के चलते अपनी रोजी रोटी नहीं कमा पा रहे है और इस सकंट की घड़ी में सरकार इन लोगों को राशन तक मुहैया नहीं करवा पा रही हैं.
बता दें कि प्रदेश में अब तक 8298 व्यक्तियों को कोरोना वायरस की निगरानी में रखा गया था, जिनमें से 5,380 लोगों ने 28 दिनों की निगरानी समय को पूरा कर लिया है. 2918 लोग अभी भी निगरानी में रखे गए हैं. प्रदेश में कोरोना के कुल 39 मामलों में 23 एक्टिव पेशेंट हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव पेशेंट के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है. प्रदेश में 11 मरीज रिकवर हो चुके हैं जबकि 4 कोरोना पॉजिटिव का प्रदेश के बाहर इलाज चल रहा है. वहीं, अब तक कोरोना वायरस की वजह से एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
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