शिमला: करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद राज्य में मनवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस पीएस राणा की नियुक्ति हुई है. इसी तरह सदस्य के पद पर सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. अजय भंडारी को नियुक्ति दी गई है. साथ ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की तरफ से इन दोनों नियुक्तियों पर मोहर भी लगा दी गई है.
अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्तियां 3 साल की अवधि के लिए की गई हैं, लेकिन 70 साल की आयु पूरी होने पर पद से भारमुक्त होना पड़ेगा. इन नियुक्तियों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष व विधानसभा अध्यक्ष को भी शामिल किया गया था.
इसके लिए बीते नौ जून को बैठक हुई, बैठक में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस पीएस राणा को अध्यक्ष और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अजय भंडारी के नाम की सिफारिश सदस्य पद के लिए की गई थी.
हालांकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने इस बारे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर चयन प्रक्रिया को लेकर यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे. ऐसे में पूर्व में अपनाई गई चयन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से चयन समिति की बैठक को बुलाया जाए, जिससे स्वस्थ वैधानिक मानदंड एवं लोकतांत्रिक मूल्यों में किसी तरह का टकराव न हो.
रि. जस्टिस पीएस राणा
13 अगस्त, 1955 में जन्में रि. जस्टिस पीएस राणा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष हैं. एमए एलएलबी उत्तीर्ण जस्टिस राणा ने जिला न्यायालय हमीरपुर से अपनी वकालत शुरू की थी.