हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सादा जीवन जीते थे पूर्व CBI निदेशक अश्विनी कुमार, पत्नी संग करते थे मालरोड की सैर

हिमाचल पुलिस के पूर्व डीजीपी अश्विनी कुमार की आत्महत्या से हर कोई स्तब्ध है. उन्होंने पुलिस महकमे में कई सुधार किए. राज्यपाल से लेकर सीबीआई निदेशक जैसे बड़े ओहदों पर उन्होंने बेहतरीन सेवाएं दीं.

अश्वनी कुमार (फाइल फोटो)
अश्वनी कुमार (फाइल फोटो)

By

Published : Oct 8, 2020, 1:32 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 2:19 PM IST

शिमला: हिमाचल पुलिस के पूर्व डीजीपी, पूर्व राज्यपाल और सीबीआई के पूर्व निदेशक के रूप में बेहतरीन सेवाएं दे चुके अश्विनी कुमार की आत्महत्या से हर कोई स्तब्ध है. अश्विनी कुमार के सुसाइड करने से हर कोई स्तब्ध है. उनके करीब रहे लोगों जिनमें पूर्व पुलिस महानिदेशक आईडी भंडारी, डीएस मन्हास, पब्लिक सर्विस कमिश्नन के पूर्व चेयरमैन केएस तोमर, वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण भानु सभी स्तब्ध हैं.

नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक बनने से पहले हिमाचल के डीजीपी थे. उनका नाम पुलिस महकमे में कई सुधारों के लिए जाना जाता है. अश्विनी कुमार अकसर पत्नी के साथ मालरोड की सैर करने आते थे.

इतनी बड़ी हस्ती होने के बावजूद उन्होंने अपनी कार का रिस्ट्रिक्टेड रोड का पास तक नहीं बनवाया था. अश्विनी कुमार के घनिष्ठ मित्र और पब्लिक सर्विस कमिश्नन के पूर्व चेयरमैन केएस तोमर के अनुसार उनकी अंतिम मुलाकात चना भटूरा की दुकान पर हुई थी.

अश्विनी कुमार के आमंत्रण पर दोनों ने साथ में चना भटूरा खाया था. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने ऊंचे ओहदे पर रहने वाला व्यक्ति कितना सदा जीवन व्यतीत करता था. केएस तोमर बताते हैं कि अश्विनी कुमार की धर्म पत्नी ने उन्हें एक बार बताया था कि वह लोअर बाजार जाकर अन ब्रांडेड जूते खरीदते थे.

अश्विनी कुमार के पुराने मित्र व वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण भानु भी ये खबर सुनकर स्तब्ध हैं. कृष्ण भानु ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी अश्विनी कुमार की खुदकुशी विचलित करने वाली है.उन्होंने कर्ज में डूबे देश के किसान की तरह खुदकुशी क्यों कर ली, इस प्रश्न का उत्तर किसे नहीं मिलेगा.

सिर्फ ये कहकर सूली पर लटक जाना कि 'जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं, पर्याप्त और उचित कारण नहीं माना जा सकता. बताया जा रहा है कि अश्विनी कुमार पार्किंसंस नामक रोग से परेशान थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अश्विनी कुमार अपनी बीमारी से तंग आ गए थे. कहा जा रहा है कि सुसाइड नोट में उन्होंने इसका जिक्र किया और लिखा कि वे परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहते. सुसाइड नोट में लिखा है कि वे अपने जीवन से तंग आकर आगे की यात्रा के लिए निकल रहे हैं.

70 वर्षीय अश्विनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था. वह 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. 2006 से लेकर 2008 तक वह हिमाचल के डीजीपी रहे. इसके साथ ही सीबीआई व एसपीजी में विभिन्न पदों पर रहे. अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआई के निदेशक रहे. राजीव गांधी की सुरक्षा में भी अश्विनी कुमार तैनात थे.

Last Updated : Oct 8, 2020, 2:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details