शिमलाः सामान्य वर्ग आयोग गठित करने को लेकर प्रदेश सरकार तीन महीने में मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेगी. इसके बाद आयोग के गठन पर आगे की योजना बनेगी. यह निर्णय सामान्य संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री की मुलाकात में हुआ.
हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि देव भूमि क्षत्रिय सभा और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सभा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में स्वर्ण आयोग गठित करने का आग्रह किया ताकि सामान्य श्रेणी के लोगों को अपने मुद्दे उठाने के लिए एक मंच उपलब्ध हो सके.
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी. इससे पहले आज पूरा दिन सचिवाल के पास क्षत्रिय महासभा संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने करीब तीन घंटे तक छोटा शिमला में चक्का जाम किया गया.
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के दौरान आश्वासन के बाद सड़क को खोला गया. देवभूमि क्षत्रिय सभा और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. बाद में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने जूस पिलाकर मोर्चा के पदाधिकारी मदन ठाकुर का आमरण अनशन तुड़वाया.
प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प
सड़क के बीच बैठने के चलते प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ काफी कहासुनी और धक्कामुक्की भी हुई. प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने पर अड़े रहे. संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारी रुमित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में करीब 70 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग की है.
ये भी पढ़ें:हिमाचल लोक सेवा आयोग ने स्थगित किए पर्सनालिटी टेस्ट, बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से लिया गया फैसला