शिमला: बर्ड फ्लू की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है. पूरे प्रदेश में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है. जहां-जहां प्रवासी पक्षी आते हैं. उन सभी वेट लैंड पर पशुपालन विभाग और वाइल्ड लाइफ के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं. प्रदेश के बाहर से चूजों और मुर्गियों के आयात को भी बंद कर दिया गया है.
कोल डैम के समीप जमथल में भी 53 पक्षी नाले में मृत पाए गए हैं. अब यह टीम पौंग बांध एरिया में फ्लू के कारणों और इसकी रोकथाम पर काम रही है. इसके अलावा वन विभाग की टीमें प्रदेश के सभी बड़े वेटलैंड में परिंदों की खोजबीन कर रही है. साथ ही लोगों को हिदायत जारी कर दी है कि अगर कोई भी संदिग्ध पक्षी मरा हुआ मिलता है तो उसको ना छुएं.
'इंसानों पर भी मंडराया खतरा'
इसके अलावा बर्ड फ्लू के घातक एच5 एन1 वायरस का खतरा पक्षियों के अलावा अब इंसानों पर भी मंडराता दिख रहा है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश सरकार से इंसानों में बर्ड फ्लू की टेस्टिंग की अनुमति भी मांग रखी है. अगर किसी व्यक्ति में पित्त के लक्षण पाए जाते हैं तो उसकी समय पर जांच कर उपचार किया जा सकेगा.
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ डॉ. रचना गुप्ता ने कहा कि विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है. देहरादून से वाइल्ड लाइफ विभाग की टीम पौंग पहुंची थी और झील का निरीक्षण भी किया. जहां से भी मृतक पक्षियों की सूचना मिल रही है. टीम वहां पहुंचकर सही तरीके से उनको दफना रही है.
'प्रशासन पूरी तरह से चौकस'
वन मंत्री राकेश पठनिया ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से चौकस है. कुछ दिनों में मछलियों और अन्य जीवों का सैंपल भी लिया जाएगा, ताकि यह पता चले कि कहीं बीमारी अन्य जीवों में भी तो नहीं आ गई है.