शिमला: मोदी सरकार 2.0 ने अपना पहला बजट पेश कर दिया. इस बजट में लंबे समय से चली आ रही पंरपरा को भी तोड़ा और बजट के दस्तावेजों को ब्रीफकेस के बजाय मखमली लाल कपड़े से कवर किया गया, लेकिन नहीं बदली तो सिर्फ महंगाई की कहानी.
ऐतिहासिक बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद मोदी सरकार का ये पहला बजट है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों ने एक बार फिर जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले पेट्रोल-डीजल की कीमतों की में वृद्धि हुई है.
जनता अब मोदी सरकार 2.0 को पेट्रोल-डीजल 2.0 से संबोधित कर रही है. पहले से ही हाय तौबा कर रहा पेट्रोल डीजल का दाम अब आसमान छूने लगा है. बता दें कि पेट्रोल-डीजल में सेस और स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से दोनों की कीमत में 2 रुपये की वृद्धि होती है. ईटीवी भारत आपको आसान शब्दों में समझाएगा-पेट्रोल डीजल के महंगे होने से अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा.
जेब पर अतिरिक्त भार
पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार डालेंगे. चौतरफा महंगाई के कारण लोगों की बचत प्रभावित होगी.
व्यापार पर मार
ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से व्यापारियों समेत आम लोगों को ज्यादा दाम चुकाने होंगे. बाजार पर दैनिक उपभोग की सारी वस्तुओं पर महंगाई की मार पड़ेगी.