शिमला: कोविड-19 संकट के बीच होटल खोलने के लिए होटलियर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं, शुक्रवार को होटल मालिकों के लिए आयोजित की गई पहली ट्रैनिंग का चरण पूरा हो गया. होटल ओबेरॉय सेसिल में आयोजित इस ट्रेनिंग में एक्सपर्ट की मदद से होटल मालिकों को कोविड-19 के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया.
होटलियर्स को बताया गया कि जब पर्यटक होटलों में आएंगे तो किस तरह से उन्हें सुरक्षित माहौल दिया जाए, किस तरह से स्टाफ अपनी सेवाएं कोविड-19 के दौर में देंगे. उसे लेकर यह ट्रेनिंग टूरिज्म इंडस्ट्री स्टैक होल्डर्स एसोसिएशन की ओर से करवाई गई.
ट्रेनिंग के समापन अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पर्यटन विभाग की ओर से जारी एसओपी को लेकर सुझाव भी पर्यटन विभाग को एसोसिएशन की ओर से दिए गए है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि एसओपी को लेकर जो सुझाव उन्होंने पर्यटन विभाग को दिए है. उसमें उन्होंने पर्यटन विभाग को यह सुझाव दिया है कि जब पर्यटक प्रदेश में आए तो उनके प्रवेश से लेकर वापसी तक उन पर चैक रखा जाए. बैरियर पर उनका टेंपरेचर चैक किया जाए.
इसके साथ ही उनके डॉक्युमेंट्स भी चैक किए जाएं. पर्यटकों की गाड़ी सेनिटाइज हुई है या नहीं इसको चैक करने के साथ ही बेरियर पर भी गाड़ी सेनिटाइज करने की सुविधा भी मुहैया करवाई जाए. उन्होंने विभाग को यह भी सुझाव दिया है कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर जो टूरिस्ट गाइड हैं, उन्हें पर्यटकों के संपर्क में आने से रोका जाए.
अगर वह किसी कोविड 19 पयर्टक के संपर्क में आते हैं तो उससे परेशानी बहुत बढ़ सकती है. वहीं, कुलीज जो रेलवे स्टेशन के साथ ही बस स्टॉप पर हैं उन्हें भी पयर्टकों के सीधे संपर्क में आने से रोका जाना चाहिए. इसके लिए प्री-पेड सुविधा रखी जानी चाहिए, जिससे अनाउंसमेंट पर ही पर्यटकों को कुली मिल सकें.
इसके अलावा जो फोटोग्राफर्स हैं वह भी अलग-अलग ड्रेस पहना कर पर्यटकों की फोटो खींचते हैं, जिस पर रोक लगनी चाहिए. वहीं, इन्हें शिमला के अलग-अलग पर्यटन स्थलों में भेजा जाना चाहिए जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग भी हो सके और उनका कारोबार भी सही तरीके से चल सके. वहीं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े जिन लोगों के पास रोजगार नहीं है उन्हें मनरेगा में शामिल किया जाना चाहिए.
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