शिमला: आज मोबाइल के बिना कुछ मिनट गुजारना नामुमकिन सा है. खाना मंगाने से लेकर कैब मंगाने तक और शॉपिंग से लेकर जॉब सर्च तक सबकुछ मोबाइल पर हो रहा है. दरअसल ये मोबाइल क्रांति का दौर है, जहां ये छोटा सा गैजेट जरूरत बन गया है. क्या आप जानते हैं कि देश में पहला मोबाइल फोन कॉल (first mobile phone call) कब किया गया ? ये कॉल किसने-किसको की थी ? और उस कॉल के दौरान क्या बातचीत हुई ?. पढ़िये देश के पहले मोबाइल फोन कॉल के पीछे की पूरी कहानी (Story Behind India's First Mobile Phone Call).
आज हम जिस सूचना क्रांति या खास तौर पर मोबाइल क्रांति के दौर में जी रहे हैं उसकी शुरुआत शुरुआत 27 साल पहले हुई (first ever mobile call) थी. जब देश में मोबाइल की पहली घंटी बजी थी. इस क्रांति का श्रेय पूर्व टेलीकॉम मंत्री पंडित सुखराम को जाता है. संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले पंडित सुखराम के निधन (Pandit Sukh Ram passes away) के बाद अब उनकी स्मृतियां ही बाकी हैं. इन्हीं पंडित सुखराम ने मोबाइल से पहली हैलो कही थी.
31 जुलाई 1995 को पहली मोबाइल कॉल- यही वो दिन था जब पहली बार मोबाइल कॉल पर दो लोगों की बात हुई थी. जिन दो नेताओं की आपस में बात हुई थी उनमें से एक थे पंडित सुखराम और दूसरी तरफ से पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु. उस पहली कॉल को आज 27 बरस बीत चुके हैं और जिस मोबाइल का इजाद एक-दूसरे से बात करने के लिए हुआ था, वो मोबाइल आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है. आज बच्चों के गेम खेलने से लेकर महिलाओं के खाना बनाने और ऑनलाइन क्लास से लेकर फिल्म देखने तक में इसका इस्तेमाल हो रहा है.
कोलकाता से दिल्ली मिलाया गया था फोन- देश में पहला मोबाइल कॉल कोलकाता से दिल्ली मिलाया गया था. ये मोबाइल कॉल ज्योति बसु ने कोलकाता के राइटर्स बिल्डिंग से दिल्ली के संचार भवन में मिलाया गया था, जहां तत्कालीन संचार मंत्री पंडित सुखराम बैठे हुए थे. ये मोबाइल कॉल मोदी टेलस्ट्रा मोबाइलनेट सर्विस (Pandit sukh ram and jyoti basu) के माध्यम से की गई थी.