शिमला: गर्मियों के समय शहर में हुई आगजनी की घटनाओं ने अग्निशमन विभाग और नगर निगम शिमला की पोल खोल कर रख दी है. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर के पास हुई आगजनी से गरीबों के आशियाने जल गए थे, लेकिन फायर हाईड्रेंट में पानी न होने से विभाग की पोल खुल गई थी.
बीते गुरुवार देर रात को ढली डाक बंगला के समीप ढारे में आग लगने से 2 साल के मासूम की जलकर मौत हो गई. अगर समय पर अग्निशमन विभाग वहां पहुंच जाता तो मासूम की जान बच सकती थी. गर्मियों में बढ़ती आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने अब शहर के सभी हाईड्रेंट की जांच शुरू कर दी है, ताकि आगजनी की घटनाओं पर समय रहते काबू किया जा सके.
इन दिनों अग्निशमन विभाग और नगर निगम शिमला की संयुक्त टीम शहर के सभी हाईड्रेंट की जांच कर रही है, ताकि खराब पड़े हाईड्रेंट को दुरुस्त किया जा सके. बता दें कि शिमला शहर में 500 से ज्यादा हाईड्रेंट हैं, जिनमें से 100 से ज्यादा खराब पड़े हैं, जो आगजनी की घटनाएं होने पर काम नहीं कर पाते हैं.
अग्निशमन विभाग के उप अधिकारी सुधाकर प्रसाद ने बताया कि गर्मियों के मौसम में हर साल आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं. इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायर हाईड्रेंट को दुरुस्त किया जा रहा है. शहर के अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग हाईड्रेंट हैं, जिन्हें निगम की टीम चैक कर रही है.
सुधाकर प्रसाद ने बताया कि शहर में सड़कों के बीच दबे होने से हाईड्रेंट खराब हो रहे हैं. इन्हें बीच सड़कों से हटाकर किनारे पर करना होगा, ताकि समय पर काम आ सकें. उन्होंने बताया कि अब हर माह इन हाईड्रेंट को दुरुस्त किया जाएगा, जिसके लिए नगर निगम की सहायता ली जाएगी.