शिमला: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के आम जीवनशैली पर कई सकारात्मक और नकारात्मक असर हुए हैं. कोरोना संकट के इस दौर ने पूरी तरह या फिर अस्थाई तौर पर पलायन कर चुके कई लोगों को घर की राह दिखाई है और घर लौटे लोग अब अपने पुश्तैनी पेशे किसानी की ओर भी रुख कर रहे हैं.
हिमाचल के किसान गेहूं की कटाई कर चुके हैं. वहीं, इन दिनों प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है और खरीफ की फसलों को बोने का यही उपयुक्त समय है. प्रदेश में खरीफ के सीजन में मक्की, धान, बाजरा और कई तरह की दालों की बिजाई की जाती है. लॉकडाउन के चलते बीज की कमी का अंदेशा होने के चलते करीब महीने पहले से ही किसानों ने कृषि केंद्रों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे.
हिमाचल प्रदेश में करीब 39 हज़ार हेक्टेयर भूमि में किसान खरीफ की फसल पैदा करते हैं. बीज के लिए कृषि विक्रय केंद्रों पर आजकल भारी भीड़ देखी जा रही है. एक ओर लॉकडाउन के चलते जहां धीरे-धीरे बीजों की सप्लाई कृषि केंद्रों तक पहुंच रही है, वहीं डिमांड ज्यादा होने के चलते भी किसानों को परेशानी हो रही है. कई जगहों पर मांग ज्यादा होने के चलते तो किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा है.
हालांकि अब धीरे-धीरे कृषि केंद्रों पर बीज उपलब्ध होने लगा है. वहीं कोरोना और आर्थिक संकट को देखते हुए बीज खरीद में मिलने वाली सब्सिडी को भी बढ़ाया गया है. कई बीजों के दामों पर 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है. जिससे किसानों को राहत मिली है. मक्की, धान और बाजरे के अलावा इन दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में खीरा, टमाटर और अन्य सब्जियां भी उगाई जाती हैं. जिसका बीज भी कृषि विभाग द्वारा वितरण केंद्रों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है.
कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने बताया कि ओपन टेंडर के जरिए कर्नाटक से विभिन्न फसलों का बीज मंगवाया गया है जो सभी जिलों के वितरण केंद्रों तक पहुंच चुका है. उन्होंने बताया कि किसानों को राहत देने के लिए इस बार बीजों के रेट भी कम किए गए हैं. कृषि मंत्री ने बताया कि मक्की का 13740 क्विंटल, धान का 431 क्विंटल, बाजरा 4826 क्विंटल, माह और मूंग 281 क्विंटल, मटर का 2440 क्विंटल बीज प्रत्येक जिला में पहुंचा दिया गया है.
प्रदेश में इन दिनों हो रही बारिश से किसानों के चहरे खिले हुए हैं. अच्छी नमी के चलते किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद है. कई पेशेवर किसान पहले से ही बीजों का भंडारण रखते हैं तो कई कृषि केंद्रों से बीज खरीद कर बिजाई के काम में जुट गए हैं.