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हिमाचल में पर्वतीय राज्यों के विकास को लेकर मंथन, केंद्र सरकार से अलग से बजट का प्रावधान करने की मांग

पीटरहॉफ शिमला में पर्वतीय राज्यों में विकास को लेकर आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. इस चर्चा में सभी विशेषज्ञों की एक ही राय रही कि पर्वतीय राज्यों में विकास के लिए केंद्र को अलग से बजट का प्रावधान करना होगा.

कॉन्क्लेव के दौरान चर्चा करते विशेषज्ञ

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Published : Mar 4, 2019, 11:03 AM IST

शिमला: पीटरहॉफ शिमला में पर्वतीय राज्यों में विकास को लेकर आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. इस चर्चा में सभी विशेषज्ञों की एक ही राय रही कि पर्वतीय राज्यों में विकास के लिए केंद्र को अलग से बजट का प्रावधान करना होगा.

कॉन्क्लेव के दौरान चर्चा करते विशेषज्ञ

कॉन्क्लेव में हिमाचल और हिमाचल के बाहर के पर्वतीय राज्यों के विकास के लिए अलग से नीतियां बनाए जाने के लिए भी कहा गया. कॉन्क्लेव में पर्वतीय राज्यों के हिमाचल समेत 100 से ज्यादा विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. इस कॉन्क्लेव में जो भी पर्वतीय राज्य शामिल हुए हैं, उन्हें प्रदेश के विकास मॉडल से अवगत करवाया गया. साथ ही हिमाचल से सीख लेकर कम संसाधनों में किस तरह से विकास किया जा सकता है इसके बारे में भी जानकारी भी दी गई है.

सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस के निदेशक रामानंद ने बताया कि ये कॉन्क्लेव जिस उद्देश्य से रखी गई थी, वे उद्देश्य पूरा हुआ है. कॉन्क्लेव में आए विशेषज्ञों ने ये स्पष्ट किया है कि अगर पर्वतीय राज्यों को विकसित करना है तो इसके लिए केंद्र स्तर पर योजनाएं इसके लिए योजनाएं और बजट मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अभी तक जो भी नीतियां बनती है वो मैदानी क्षेत्रों के विकास को देखते हुए ही बनाई जाती है. ऐसे में इस तरह का प्रयास बेहद जरूरी था, जिसमें ये चर्चा हो सके कि पर्वतीय राज्यों का विकास किस तरह संभव है.

रामानंद, निदेशक, सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस

कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने हिमालयी राज्यों में भविष्य में विकास की नीति क्या हो और सीमित संसाधनों में भी किस तरह लोगों को बेहतर जीवन दिया जाए इस विषय पर चर्चा की. चर्चा में जो भी निष्कर्ष सामने निकल कर आए हैं उनकी एक रिपोर्ट बना कर अब स्टेट और केंद्र सरकार के समक्ष रखी जाएगी.

बता दें कि कॉन्क्लेव में डवेलपमेंट ह्यूमन, इकोलॉजी एंड सस्टेनबिलीटी, एजुकेशन एंड हेल्थ इन हिली स्टेट्स: दी जर्नी सो फार, टेक्नोलॉजी एन्ड हेल्थ इन हिमलयाज: स्कोप एंड ऑपोर्चुनिटीज, इन्फ्रास्ट्रक्चर: एक्सपोरिंग ऑल्टरनेटिव्स, दी इम्पोटेंस ऑफ कल्चर एंड हिस्ट्री इन हिमलालयज और टूरिज्म: एक्सपोरिंग दी लैस एक्सप्लोर्ड जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

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