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Shimla Ex-Servicemen Protest: सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिक, OROP विसंगतियों को दूर करने की मांग

वन रैंक वन पेंशन विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिकों ने शिमला में सांकेतिक भूख हड़ताल किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को खत्म करने की मांग की. पढ़िए पूरी खबर... (Ex servicemen protest against OROP discrepancy In Shimla)

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शिमला में पूर्व सैनिकों की भूख हड़ताल

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Published : Jul 2, 2023, 5:14 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 5:51 PM IST

शिमला:वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 की विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिकों का पिछले 4 महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों का धरना प्रदर्शन जारी है. वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों के विरोध में पूर्व सैनिकों ने रविवार को देशभर में सभी जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल का एलान किया था. इसी के तहत पूर्व सैनिकों ने शिमला में भी सांकेतिक भूख हड़ताल किया.

हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की. इसी कड़ी में शिमला में भी जिला मुख्यालय के समीप सीटीओ चौक पर भी पूर्व सैनिक भूख हड़ताल बैठे. पूर्व सैनिकों ने बताया वन रैंक वन पेंशन विंसगतियो को लेकर आज हिमाचल सहित देशभर में भी सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की जा रही है.

पूर्व सैनिक एस के सहगल ने कहा आज हम मजबूर होकर यहां एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने पहले तो पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन योजना को कोशियारी कमीशन के मुताबिक असली प्रारूप में नहीं दिया. उसके बाद पूर्व सैनिकों के साथ जो नाइंसाफी हुई वो ये है कि केंद्र सरकार को दो साल बाद वन रैंक वन पेंशन रिवाइज करना चाहिए था, जो केंद्र सरकार ने नहीं किया. इसको 5 साल बाद केंद्र सरकार ने रिवाइज किया, जिसमें ऑनरेरी कैप्टन , जेसीओस और ओआर्स की पेंशन कम कर दी गयी. जिससे ऑनरेरी कैप्टन और जेसीओस सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने कहा उनकी पेंशन बढ़ाने की बजाए कम कर दी गयी, जिसमें 2000 से लेकर 6500 रुपये तक कम की गई है. इससे हर साल पूर्व सैनिकों को 72 से एक लाख रुपये तक का नुकसान हो रहा है. जिसको लेकर देशभर में पूर्व सैनिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कई बार केंद्र सरकार से विसंगति को दूर कराने का प्रयास किया गया, लेकिन इतने प्रयत्न करने के बाद भी इस विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते देशभर के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

उन्होंने कहा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को इस मसले को लेकर कई ज्ञापन भेजे हैं, लेकिन इसके बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार खुद को पूर्व सैनिकों की हितैषी बताती है तो, दूसरी तरफ इस वर्ग की बात को अनसुना किया जा रहा है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों से ना टकराए, देशभर में पूर्व सैनिकों की संख्या 32 लाख है और आगे उनके परिवार हैं. इस चीज को सरकार को ध्यान में रखे और रक्षा विभाग में बैठे कर्मचारियों से आग्रह करें कि वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों दूर करें.
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Last Updated : Jul 2, 2023, 5:51 PM IST

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