रामपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के रामपुर उपमंडल की डंसा पंचायत की ऊंची पहाड़ियों पर शिकारी माता का मंदिर मौजूद है. हर साल माता के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहाड़ी पर लगभग 2 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके पहुंचते हैं. शिकारी माता का मंदिर लगभग 9 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. बता दें की विशेष मान्यता के तहत यहां पर हर सात साल के बाद पारंपरिक पूजा का आयोजन किया जाता है. इस विशेष पूजा में हजारों लोग शामिल होते हैं. वहीं, इस पूजा में क्षेत्र के देवताओं को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है. मंदिर कमेटी के मुताबिक साल 2024 में अब पूजा जून या जुलाई में होगी.
प्राचीनकाल से है माता का मंदिर: मंदिर कमेटी के कारदार खेल चंद ने बताया कि यहां पर शिकारी माता का निवास स्थान प्राचीन काल से स्थित है. उन्होंने बताया कि यहां पर प्राचीनकाल में आर्य निवास करते थे. जब मंदिर का निर्माण किया गया, उस समय यहां पर कुछ अवशेष भी मिले थे. यहां पर किले का निर्माण किया गया था, जिसके अलग-अलग प्रवेश द्वार मौजूद थे. जिन पत्थरों का प्रयोग उस समय किला बनाने के लिए किया गया था. उन्हीं पत्थरों का प्रयोग सामुदायिक भवन बनाने के लिए किया गया है.
सड़क से जुड़ेगा मंदिर इलाका:पहाड़ी पर एक सुंदर स्थान पर मंदिर स्थित है. जो की हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यह इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है और हर साल बड़ी संख्या में भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. मंदिर की सुंदर वास्तुकला और जटिल नक्काशी इसके आकर्षण का मुख्य कारण है. जो पारंपरिक हिमाचली शैली की खासियत है. देवी की मुख्य मूर्ति काले पत्थर से बनी है और चांदी एवं सोने के आभूषणों से सुशोभित है. यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद खूबसूरत है. यहां पर सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है. जल्द ही सरकार के सहयोग से इस मंदिर को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा.