शिमला. जिला में अब हर खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित का कोरोना का टेस्ट करवाया जाएगा. कम्युनिटी ट्रांसमिशन जांचने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है. विभाग ने सैंपलिंग प्रक्रिया बढ़ाने के नए निर्देश जारी किए हैं.
ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि समाज में कोरोना वायरस के संक्रमण को अधिक बारीकी से रोका जाए. जुकाम, खांसी और बुखार वाले लोगों की जांच करने से कम्युनिटी में कोरोना वायरस के फैलने की स्थिति साफ हो सकेगी. इससे पहले केवल कोरोना प्रभावित देशों व राज्यों से लौटे लोगों व कॉन्टेक्ट हिस्ट्री वाले लोगों के ही टेस्ट किए जा रहे थे.
वहीं, कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की संभावना के चलते विभाग ने एहतियात बरतने के लिए यह फैसला लिया है. बता दें कि जिला शिमला में अभी तक कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है.
जिला शिमला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नई गाइडलाइन जारी हुई है. इसके तहत आम खांसी, जुकाम, बुखार व सांस की परेशानी वाले मरीजों के कोरोना के टेस्ट किए जाएंगे. कोरोना वायरस की कम्युनिटी ट्रांसमिशन देखने के लिए यह फैसला लिया गया है. इसके चलते जिला शिमला में यह सुविधा शुरु की जा रही है.
जिला के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को कोरोना का सैंपल लेने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. विभाग का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए सबसे पहले कोटखाई जाकर रिपन अस्पताल के डॉक्टरों ने वहां तैनात डॉक्टरों को टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया. जिला भर में एक चेन के तहत डॉक्टरों ने एक-दूसरे को कोरोना के टेस्ट लेने के लिए ट्रेनिंग दी है.
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