शिमला: बिजली बोर्ड अपने कर्मचारियों के लिए अभी तक ओल्ड पेंशन को लेकर कोई फैसला नहीं ले पाया है. इसके चलते बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है. बिजली कर्मचारियों ने ओपीएस में हो रही देरी को लेकर शुक्रवार को शिमला में बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर धरना दिया. कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. कर्मचारियों ने सरकार से ओपीएस बहाल करने के साथ ही बिजली बोर्ड के चेयरमैन राम सुभाग सिंह को हटाने की मांग की की है.
ओपीएस लागू न करने पर अब बिजली बोर्ड कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. यही वजह है कि बिजली बोर्ड कर्मचारी अब बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ ही मोर्चा खोलने लगे हैं. शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने बोर्ड मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर ओपीएस लागू करने में कई जा रही देरी पर विरोध जताया. बोर्ड ने इसके लिए सीधे सीधे बिजली बोर्ड प्रबंधन को दोषी ठहराया.
यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करना प्रदेश सरकार का राजनीतिक फैसला है और इसके कार्यान्वयन में की जा रही देरी से अफसरशाही के खिलाफ कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के नई पेंशन प्रणाली का शेयर काटना अभी तक बंद नहीं किया है. बोर्ड प्रबंधन ने माना था कि इस माह से शेयर नहीं काटा जाएगा और इस बारे आदेश समय रहते जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन बिजली बोर्ड के फील्ड कार्यालय में अब वेतन बनाना शुरू कर दिया गया है, लेकिन इस बारे कार्यालय आदेश अभी तक जारी नहीं हो पाने के कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.