शिमला: कोरोना संकट के समय में सरकार की ओर से निजी स्कूलों को आगामी आदेशों तक फीस ना वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. वहीं, निजी स्कूल इन आदेशों को दरकिनार कर लगातार अभिभावकों पर फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं.
शिमला शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज और व्हाट्सएप के माध्यम से 26 हजार से अधिक की फीस जमा करवाने का फरमान जारी कर रहे हैं. सरकार के आदेश भी निजी स्कूलों की मनमानी को नहीं रोक पा रहे हैं.
वहीं, अब शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अभिभावकों को राहत दी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी अभिभावक के फीस न देने पर स्कूल उनसे पेनल्टी या जुर्माना नहीं वसूल सकेंगे. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि निजी स्कूल अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं. साथ ही कोरोना संकट के बीच शिक्षकों को नौकरी से भी नहीं निकाल सकते हैं.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि निजी स्कूलों के ऐसा न करने पर सरकार को नया कानून भी बनाना पड़े तो वह भी बनाया जाएगा, लेकिन निजी स्कूलों को यह मनमानी नहीं करने दी जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में एपिडेमिक एक्ट को राज्य सरकार ने अपनाया है. वहीं, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी सरकार के आदेशों की अवहेलना करने पर किसी भी सस्था और व्यक्ति विशेष पर मामला दर्ज कर उसे सजा और जुर्माना किया जा सकता है. ऐसे में निजी स्कूलों के मैनेजमेंट से यह आग्रह है कि वह इस समय में अपनी मनमानी को छोड़कर सरकार और आम जनता के साथ सहयोग करें.
शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को भी यह सलाह दी है कि संकट के समय में भी निजी स्कूल अभिभावकों का सहयोग नहीं करते हैं, तो अभिभावकों को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या उन्हें अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में शिक्षा देनी चाहिए या नहीं.