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निजी स्कूलों पर शिक्षा मंत्री ने कसी नकेल, जबरदस्ती ना फीस वसूल सकेंगे...ना शिक्षकों को निकाल सकेंगे - private schools asking for fees from parents during corona

शिक्षा मंत्री ने कहा है कि किसी भी अभिभावक के फीस न देने पर स्कूल उनसे पेनल्टी या जुर्माना नहीं वसूला जा सकेंगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि निजी स्कूल अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं. साथ ही कोरोना संकट के बीच शिक्षकों को नौकरी से नहीं निकाल सकते हैं.

Suresh Bhardwaj Statement on private schools
निजी स्कूलों पर सुरेश भारद्वाज का बयान

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Published : Apr 25, 2020, 8:57 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के समय में सरकार की ओर से निजी स्कूलों को आगामी आदेशों तक फीस ना वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. वहीं, निजी स्कूल इन आदेशों को दरकिनार कर लगातार अभिभावकों पर फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं.

शिमला शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज और व्हाट्सएप के माध्यम से 26 हजार से अधिक की फीस जमा करवाने का फरमान जारी कर रहे हैं. सरकार के आदेश भी निजी स्कूलों की मनमानी को नहीं रोक पा रहे हैं.

वहीं, अब शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अभिभावकों को राहत दी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी अभिभावक के फीस न देने पर स्कूल उनसे पेनल्टी या जुर्माना नहीं वसूल सकेंगे. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि निजी स्कूल अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं. साथ ही कोरोना संकट के बीच शिक्षकों को नौकरी से भी नहीं निकाल सकते हैं.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि निजी स्कूलों के ऐसा न करने पर सरकार को नया कानून भी बनाना पड़े तो वह भी बनाया जाएगा, लेकिन निजी स्कूलों को यह मनमानी नहीं करने दी जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में एपिडेमिक एक्ट को राज्य सरकार ने अपनाया है. वहीं, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी सरकार के आदेशों की अवहेलना करने पर किसी भी सस्था और व्यक्ति विशेष पर मामला दर्ज कर उसे सजा और जुर्माना किया जा सकता है. ऐसे में निजी स्कूलों के मैनेजमेंट से यह आग्रह है कि वह इस समय में अपनी मनमानी को छोड़कर सरकार और आम जनता के साथ सहयोग करें.

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शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को भी यह सलाह दी है कि संकट के समय में भी निजी स्कूल अभिभावकों का सहयोग नहीं करते हैं, तो अभिभावकों को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या उन्हें अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में शिक्षा देनी चाहिए या नहीं.

वहीं, इस मामले को लेकर छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएं. निजी स्कूल कोरोना संकट के समय में भी बढ़ी हुई दरों पर अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं. इस समय में कुछ अभिभावकों का काम कोरोना के चलते बंद पड़ा है. ऐसे में अभिभावक फीस देने में भी असमर्थ हैं.

28 मार्च को एमएचआरडी के साथ होगी बैठक

देशभर में कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में अब 28 अप्रैल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में आगामी समय में शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों को लेकर चर्चा होगी.

साथ ही फीस और अन्य मामलों पर भी चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही प्रदेश सरकार की ओर से भी इन सभी मामलों को लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे.

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