शिमला:एसएमसी शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है.एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति रद्द करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है. उस पर प्रदेश से फिलहाल प्रदेश में किसी भी एसएमसी अध्यापक को नहीं निकाला जाएगा. सरकार कानूनी सलाह के बाद ही आगे निर्णय करेगी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में इन एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति की गई है. ऐसे में इन अध्यापकों को तुरंत हटाना संभव नहीं हो पाएगा. इसके अलावा यह अध्यापक भी कोर्ट का रुख कर सकते हैं. इन अध्यापकों की लंबे समय से दी जा रही सेवाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसलिए प्रदेश सरकार कानूनी सलाह करके ही उचित कदम उठाएगी. फिलहाल प्रदेश में किसी भी एसएमसी अध्यापक को नहीं निकाला जाएगा.
मंदिर खोलने में अभी लगेगा वक्त
भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल प्रदेश सरकार का मंदिर खोलने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जारी दिशा निर्देशों के बाद प्रदेश की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही मंदिर खोलने पर फैसला लिया जाएगा, लेकिन प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसको देखते हुए फिलहाल प्रदेश सरकार का मंदिर खोलने का कोई इरादा नहीं है.
नहीं रद्द होंगी परीक्षाएं
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार एग्जाम तय किए गए हैं. पिछले 1 महीने से एग्जाम करवाने को लेकर तैयारियां चल रही थी. सभी निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कोरोना से बचाव के सभी मापदंडों को पूरा किया गया है. आज सुबह 9 बजे परीक्षा शुरू हो गई थी और करीब 11 बजे उच्च न्यायालय के आदेश प्रदेश सरकार को प्राप्त हुए हैं जिसमें कहा गया था कि परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएं. परिस्थितियों को देखते हुए यह संभव नहीं था. प्रदेश में बहुत से ऐसे परीक्षा केंद्र हैं. जहां बच्चे दूरदराज के क्षेत्रों से परीक्षा देने पहुंचते हैं. ऐसे में आज की परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती थी. प्रदेश सरकार यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार ही एग्जाम करवा रही है.
रिव्यू पिटीशन डालेगी सरकार
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कल निर्धारित पेपर भी निश्चित समय के अनुसार ही होगा इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश सरकार कल प्रदेश उच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन डालेगी. साथी ही सर्वोच्च न्यायालय में भी एसएलपी दायर की जाएगी. गोविंद ठाकुर ने कहा इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय में भी यह मामला लगा था. सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में स्टे नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में यूजीसी ने अपना पक्ष रखा है. उसके बाद ही प्रदेश सरकार ने एग्जाम निर्धारित किए थे. इसलिए प्रदेश सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में परीक्षाएं तय शेड्यूल के हिसाब से ही होंगी और कल सुबह उच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार रिव्यू पिटीशन डालेगी.