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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब मल्टीपल एंट्री भी जल्द हो सकती है लागू: गोविंद ठाकुर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत परिवर्तनकारी सुधारों का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर दिल्ली से वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने भाग लिया. प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्राथमिक विद्यालयों में प्री-प्राईमरी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा जैसे विषयों पर कार्य कर रही है और अब प्रदेश सरकार राज्यों में स्टेट स्कूल स्टैंर्ड ऑथोरिटी, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करना और मल्टीपल एन्ट्री और एग्जिट जैसे विषयों पर कार्य कर रही है.

Education Minister Govind Thakur
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Published : Jul 29, 2021, 8:28 PM IST

शिमला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत परिवर्तनकारी सुधारों का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर दिल्ली से वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने भाग लिया. समारोह में भाग लेते हुए गोविन्द सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध जताई है.

प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्राथमिक विद्यालयों में प्री-प्राईमरी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा जैसे विषयों पर कार्य कर रही है और अब प्रदेश सरकार राज्यों में स्टेट स्कूल स्टैंर्ड ऑथोरिटी, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करना और मल्टीपल एन्ट्री और एग्जिट जैसे विषयों पर कार्य कर रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नवाचार की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है. इससे शिक्षा क्षेत्र को अधिक जीवन्त और सुगम बनाने में सहायता मिलेगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों को भविष्योन्मुखी बनाएगी और विद्यार्थियों की क्षमताओं को नई ऊंचाई प्रदान करेगी.

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और सरकार विद्यार्थियों को उनके घरों के समीप बुनियादी, उच्च और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के निरंतर प्रयास कर रही है. सरकार के इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. हिमाचल प्रदेश तेजी से देश के शिक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है. गुणात्मक शिक्षा, लैंगिक समानता, शांति, न्याय एवं सुदृढ़ संस्थानों, सुनियोजित शहरों एवं समुदायों में तथा असमानताओं को कम करने जैसे कार्यों में हिमाचल देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है.

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