शिमला :राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान पर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार वोकेशनल शिक्षा पर आधारित झांकी शिक्षा विभाग का गौरव बढ़ाएगी. वोकेशनल शिक्षा को लागू करने में प्रदेश की सफलता को देखते हुए ही इस बार शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि इस बार की झांकी भी व्यवसायिक शिक्षा पर ही आधारित होगी.
झांकी के माध्यम से आम लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि व्यवसायिक शिक्षा किस तरह से युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही है. प्रदेश के स्कूलों में 6 साल पहले वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत की गई थी, तब से लेकर अब तक प्रदेश के 953 स्कूलों में वोकेशनल कोर्सस शुरू कर 85 हजार से अधिक छात्रों का एनरोलमेंट इन कोर्सेज में किया गया है. जबकि मात्र एक सौ स्कूलों से नवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के 9 हज़ार विद्यार्थियों के साथ इस सफर की शुरुआत शिक्षा विभाग ने की थी. आज यह आंकड़ा 85 हजार के पार पहुंच चुका है.
प्रदेश के स्कूलों में पहले 11 और अब 15 ट्रेड्स वोकेशनल कोर्सेज के चलाये जा रहे हैं. छात्रों को एग्रीकल्चर, ब्यूटी एंड वेलनेस, ऑटोमेटिव, हेल्थकेयर, टूरिज्म, रिटेल, प्राइवेट सिक्योरिटी, टेलीकॉम, फिजिकल एजुकेशन, प्लंबर, बीएफएसआई, अपैरल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मीडिया कोर्सेज चलाए जा रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा छात्र इन कोर्सेज में प्रवेश ले कर खुद को आत्मनिर्भर बना रहे हैं.
समग्र शिक्षा की ओर से तैयार की जा रही यह झांकी हर हाथ में हुनर, तो हर हाथ में काम का नारा देते हुए व्यवसायिक शिक्षा को मानो का संदेश आम लोगों को देगी. समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि इस बार 26 जनवरी के लिए जो झांकी शिक्षा विभाग की ओर बनाई जा रही है वह वोकेशनल शिक्षा पर आधारित रहेगी. इस झांकी के माध्यम से आम लोगों और छात्रों को वोकेशनल एजुकेशन के बारे में जागरुक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने गुणवत्ता पूर्ण व्यवसायिक शिक्षा में हिमाचल को पूरे भारत वर्ष में प्रथम पायदान पर आने में अव्वल घोषित किया है. प्रदेश में 20 फीसदी पाठशालाओं में यह कौशल आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है और 1850 ट्रेनर्ज इन कोर्सेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.