शिमला: हिमाचल प्रदेश में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार दोपहर करीब डेढ बजे शिमला से लेकर मंडी समेत कई जिलों में ये झटके महसूस किए गए. कुछ जगह झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. National Center for Seismology के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 थी.
भूकंप के ये झटके पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए हैं. खासकर दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी धरती हिली है. इस भूकंप के बाद फिलहाल अब तक किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है.
भूकंप का केंद्र: शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर का डोडा जिला था. जहां गंडोह भलेसा गांव से 18 किमी. दूर लगभग 30 किमी. की गहराई में भूकंप का केंद्र था. यही वजह है कि जम्मू और कश्मीर में भूकंप के सबसे तेज झटके महसूस किए गए. इसके अलावा पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से लेकर दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस हुए.
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हिमाचल में कहां-कहां हिली धरती:जम्मू और कश्मीर में भूकंप का केंद्र होने के कारण हिमाचल प्रदेश में भी दोपहर डेढ बजे के करीब तेज झटके महसूस किए गए. राजधानी शिमला से लेकर कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, चंबा और आस-पास के इलाकों में धरती हिली.
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भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है हिमाचल:भूकंप के खतरे को देखते हुए देश को पांच भूकंप जोन में बांटा गया है. जोन-1 में सबसे कम रिस्क वाले क्षेत्र आते हैं जबकि जोन-5 में सबसे अधिक रिस्क वाले क्षेत्र आते हैं. हिमाचल प्रदेश भूकंप जोन-4 और जोन-5 में आता है. जोन-5 में हिमाचल का चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कांगड़ा जिला आता है. जबकि अन्य जिले जोन-4 में आते हैं. साल 2022 में ही हिमाचल में 50 से ज्यादा बार धरती हिली है.
इन भूकंपों से ज्यादा नुकसान तो नहीं हुआ है लेकिन हर भूकंप के साथ साल 1905 में कांगड़ा के भयावह भूकंप की यादें ताजा हो जाती हैं. जिसमें 20 हजार लोगों की जान गई थी और कई मजबूत इमारतें, किले मिट्टी में मिल गए थे.
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