Earth hour 2023: हिमाचल में 25 मार्च को मनाया जाएगा 'अर्थ आवर', CM सुक्खू ने लोगों से लाइट्स बंद रखने का किया आग्रह - हिमाचल में अर्थ आवर
Earth hour 2023: हिमाचल प्रदेश में 25 मार्च की रात साढ़े 8 से साढ़े 9 बजे तक बिजली सप्लाई बंद रखकर अर्थ ऑवर मनाया जाएगा. वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी लोगों से इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है. (Earth hour 2023)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).
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Published : Mar 18, 2023, 8:56 PM IST
शिमला:'द बिगेस्ट आवर फॉर अर्थ' विषय पर आधारित 'अर्थ आवर' 25 मार्च, 2023 को रात 8.30 बजे से रात्रि 9.30 बजे के बीच मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी लोगों से इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है. उन्होंने इस आयोजन के लिए वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया) के प्रयासों की सराहना भी की है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस तरह के अभियान प्रकृति एवं लोगों के मध्य सौहार्दपूर्ण संबंध वाले समाज के निर्माण में सहायता करते हैं. उन्होंने कहा कि इससे प्रकृति के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलेगी जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित होगा.
सांकेतिक तस्वीर.
गैर जरूरी लाइटें एक घंटे के लिए बंद करने का किया आग्रह: मुख्यमंत्री सुक्खू ने राज्य के लोगों से इस अभियान में सहयोग देने के लिए 25 मार्च रात 8.30 बजे से 9.30 बजे के मध्य एक घंटे के लिए सभी गैर-जरूरी लाइटें बंद करने का आग्रह किया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है.
उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण क्षरण एक बड़ी चुनौती है और वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए हरित बजट पेश किया है. इससे न केवल राज्य के प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण होगा बल्कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान में भी यह उपयोगी कदम होगा.
Earth Hour 2023: कैसै मनाया जाता है कार्यक्रम?:बता दें किEarth hour का आयोजन साल 2007 से ही हर साल किया जा रहा है. दुनियाभर के सैकड़ों देशों के करोड़ों लोग हर साल इस वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं. इस दिन दुनिया के कई ऐतिहासिक इमारतों की लाइट्स को भी बंद कर दिया जाता है. बिजली बंद करने से कार्बन फुटप्रिंट में को कम करने में मदद मिलती है और ऊर्जा की भी बचत होती है.
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