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Dussehra 2023: शिमला के जाखू में मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया रावण दहन, रिमोर्ट का बटन दबाकर 50 फीट ऊंचे पुतले को लगाई आग

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 7:30 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 9:43 PM IST

शिमला में रावण दहन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जाखू मंदिर पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री ने रिमोर्ट का बटन दबाकर 50 फीट ऊंचे पुतले को लगाई आग और रावण दहन किया. बता दें कि शिमला के जाखू में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले तैयार किए गए थे. पढ़ें पूरी खबर... (Dussehra 2023).

CM Sukhvinder Sukhu Burn Effigy of ravan
जाखू में मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया रावण दहन

शिमला के जाखू में मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया रावण दहन

शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक जाखू मंदिर में दशहरा उत्सव धूमधाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. जाखू मंदिर के मैदान में रावण सहित मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया. रावण दहन के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. मुख्यमंत्री ने रावण के पुतले का दहन रिमोट का बटन दबाकर किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जाखू मंदिर में बहुत सालों से परंपरागत रूप से दशहरा मनाया जा रहा है और हजारों लोगों की भीड़ इस खास दिन जाखू पहुंचती है. मुख्यमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी.

शिमला के जाखू में मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया रावण दहन

बता दें कि रावण के पुतले में आग लगते ही पठाखों के फुटने और आतिशबाजियों के चलने का दौर जमकर चला. इस बार रावण को जलाने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया गया. जाखू मंदिर कमेटी द्वारा इस बार रावण का 50 फीट, मेघनाथ और कुंभकरण का 40 फीट का पुतला कलाकारों द्वारा बनाया गया था.

मुख्यमंत्री ने रिमोर्ट का बटन दबाकर 50 फीट ऊंचे पुतले को लगाई आग और रावण दहन किया.

3 मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किए थे पुतले:जाखू मंदिर के अलावा शिमला के संकट मोचन मंदिर, बीसीएस और नाभा में भी रावण के पुतले का दहन किया गया. खास बात यह है कि जाखू मंदिर में पुतले बनाने का काम सहारनपुर से आए मुस्लिम कारीगर मोहम्मद आदिल, मोहम्मद आरफीन और मोहम्मद असलम ने किया है. ये कारीगार साल 2006 से पुतले बनाने का काम कर रहे हैं.

3 मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किए थे पुतले

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश देने की जरूरत: तीनों कारीगरों ने बताया कि आज देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के साथ सद्भाव का संदेश देने की जरूरत है. राजनीति के नाम पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने की कोशिश की जाती है, लेकिन हकीकत यह है कि त्योहार सभी के साझे हैं और किसी के बीच किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं है. बता दें कि दशहरा पर्व पर जाखू मंदिर परिसर में काफी संख्या में लोगों की भीड़ रहती है. इसके मद्देनजर सुरक्षा से लेकर यातायात की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए शिमला रिट्ज, संजौली और छोटा शिमला से मंदिर परिसर की ओर अतिरिक्त टैक्सियां चलाई गई. दशहरे के अवसर पर निजी वाहनों को परिसर तक लाने के बजाए परिसर से दूर पार्किंग की व्यवस्था की गई थी ताकि मंदिर परिसर में अधिक भीड़ न हो. सुरक्षा के लिहाज से मंदिर समिति की ओर से वैकल्पिक रूट भी रखा गया था.

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Last Updated : Oct 24, 2023, 9:43 PM IST

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