शिमला:देश की रक्षा के लिए सैनिक तैयार करने वाले प्रदेश की जवान जड़ों को चिट्टा, चरस और कैमिकल नशा खोखला कर रहा है. लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रदेश का हर जिला संवेदनशील हो गया है. वहीं, प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नशे का कारोबार आए दिन फल फूल रहा है.
पुलिस प्रशासन ने भी नशा तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुलिस आए दिन रणनीति बना कर नशे की खेप पकडने में कामयाब हो रही है. बावजूद इसके नशे कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. वैश्निक महामारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में भी नशे का कारोबार कम नहीं हुआ.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में नशा तस्करी के मामलों में दो गुना बढ़ोतरी हुई है. वहीं, नशा तस्करी या एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जनवरी 2021 से जून 2021 तक शिमला में 132 एनडीपीएस के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें चरस के 53 मामले दर्ज किए गए और 20.380 किलो 510 मिली ग्राम चरस बरामद की गई. वहीं, 8 मामलों में 16.272 किलो अफीम और 1,970 ग्राम अफीम का पौधा पकड़ा गया. इसके साथ ही जिला में 794.284 ग्राम चिट्टा के साथ 61 मामले दर्ज किए गए है.
साल 2020 में नशे के मामलों की बात की जाए तो जनवरी से जून महीने तक कुल मामले 120 मामले दर्ज किए गए. इसमें 31 मामले में 10.351 किलो 586 ग्राम चरस, 2 मामलों में 1.490 किलो 0.82 ग्राम अफीम, 1,16.26 ग्राम अफीम का पौधा, चिट्टे के 1 मामले में 5.79 ग्राम चिट्टा और सबसे ज्यादा हेरोइन के 62 मामलों में 982.481 ग्राम हेरोइन बरामद की गई.