शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन में सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है. जिसकी एक बड़ी वजह सड़कों में ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज न होना है. जिसके चलते सड़कों को भारी क्षति पहुंच रही है. प्रदेश सरकार ने अब यह फैसला लिया है कि नई सड़कों में ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज बनाना जरूरी होगा. इसके बिना सड़कें पास नहीं की जाएगी.
ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज जरूरी: शिमला में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में अब से बनने वाली सभी सड़कों में ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज बनाना जरूरी किया जाएगा. इसकी निगरानी के लिए एक हाई लेवल कमेटी और निगरानी टीमों का गठन किया जाएगा. सीएम ने कहा कि ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज न होने की वजह से सड़कें बारिश के दिनों में टूट जाती हैं. इसलिए अब से जिन सड़कों में निर्माण के समय ड्रेनेज नहीं होगी, उन्हें पास नही किया जाएगा. इसके साथ सड़कों की क्वालिटी का भी खास ख्याल रखा जाएगा.
24 घंटे में बहाल हो सड़कें: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में भारी बरसात के चलते हुए नुकसान की रिपोर्ट लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. सीएम ने निर्देश दिए की प्रदेश में बाधित सड़कों को 24 घंटों में बहाल किया जाए. पीडब्ल्यूडी को लैंडस्लाइड से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को खोलने के लिए भारी मशीनरी और इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि मंडी जिले में बंद हो चुके मेन रोड को खोलने के लिए ज्यादा मशीनरी और लोगों की जरूरत है. सड़कें पहाड़ों की लाइफ लाइन हैं और इन्हें सुचारू बनाए बेहद जरूरी है. सीएम ने कुल्लू में नदी किनारों पर हो रहे भूमि कटाव को रोकने के लिए साइंटिफिक तरीके अपना कर इसका प्रबंधन करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि इसके लिए एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी को दूरगामी उपाय करने की जरूरत है.