हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना संकट में भारत को लीड कर रहा हिमाचली सपूत, इस महत्वपूर्ण टीम के मुखिया हैं डॉ. विनोद - niti ayog member doctor Vinod Paul

जिला कांगड़ा के देहरा के रहने वाले डॉ. विनोद पॉल को इस समय नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़े डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों सहित पब्लिक हैल्थ से जुड़े 21 लोगों की तकनीकी टीम का प्रमुख बनाया है. इसके मुताबिक उन्हें जनता में जागरुकता फैलाने के तरीके विकसित करने के साथ ही महामारी को रोकने की गाइडलाइन तैयार करना है.

doctor vinod paul from kangra
कोरोना की रोकथाम वाली टीम के मुखिया हैं डॉ. विनोद

By

Published : Apr 14, 2020, 12:04 AM IST

शिमलाः समूचा विश्व इस समय कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है. ऐसे समय में विश्व की नजरें भारतीय वैज्ञानिकों व डॉक्टर्स पर भी टिकी हुई हैं. भारत देश को इस महामारी के संकट से बचाने के लिए डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की कई टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं. ऐसी ही एक महत्वपूर्ण टीम को लीड कर रहे हैं, हिमाचल के निवासी डॉ. विनोद पॉल.

डॉ. विनोद पॉल जिला कांगड़ा के देहरा के रहने वाले हैं. वे इस समय नीती आयोग के सदस्य हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें बड़े डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों सहित पब्लिक हैल्थ से जुड़े 21 लोगों की तकनीकी टीम का प्रमुख बनाया है.

केंद्र सरकार ने डॉ. विनोद पॉल को जो प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी है, उसके मुताबिक उन्हें जनता में जागरुकता फैलाने के तरीके विकसित करने के साथ ही महामारी को रोकने की गाइडलाइन तैयार करना है.

डॉ. पॉल की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम ने कई अहम काम किए हैं. यही कारण है कि देश ने कम्यूनिटी स्प्रैड को काफी हद तक थाम लिया है. डॉ. पॉल महामारी को रोकने के लिए गठित टेक्निकल टीम के हैड भी हैं डॉ. पॉल के पास चिकित्सा जगत में काम करने का विशाल अनुभव है

कुछ ऐसा रहा है डॉ. पॉल का चिकित्सा क्षेत्र में जीवन

डॉ. विनोद पॉल खुद चिकित्सा जगत के बड़े हस्ताक्षर हैं और उन्हें भारत में हैल्थ साइंस रिसर्च के सबसे बड़े सम्मान डॉ. बीआर अंबेडकर सेंटेनरी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की तरफ से दिया जाने वाला ये सम्मान देश का सर्वोच्च रिसर्च सम्मान है. डॉ. पॉल को वर्ष 2009 के लिए ये सम्मान मिला था.

एम्स दिल्ली में दे चुके हैं सेवाएं

डॉ. पॉल बाल रोग विशेषज्ञ हैं और तीन दशक तक देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स दिल्ली में सेवाएं दे चुके हैं.वे एम्स दिल्ली के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी भी रहे हैं.

यही नहीं, बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर उनकी ख्याति विश्व भर में है. वर्ष 2009 के डॉ. बीआर अंबेडकर सेंटेनरी अवार्ड समारोह में बताया गया था कि डॉ. विनोद पॉल ने नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं और बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद सराहनीय शोध कार्य किए हैं.

बाल स्वास्थ्य में कर चुके हैं स्थापित कई आयाम

समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं के लिए जीवनरक्षक दवाओं को विकसित करने के साथ-साथ उनके शोध ने बाल स्वास्थ्य में कई आयाम स्थापित किए हैं. डॉ. पॉल की सबसे बड़ी कामयाबी आज से दो दशक पहले बिना किसी बजट के नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों पर शोध के लिए नेशनल न्यूनेटल पैरीनेटल डाटाबेस नेटवर्क तैयार करना था.

डॉ. पॉल के शोध से भारत में शुरू हुआ न्यू बोर्न बेबी केयर

डॉ. पॉल ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को न्यूबोर्न बेबी हैल्थ को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार करने में सहयोग दिया था. उनके शोध के कारण ही भारत में न्यू बोर्न बेबी केयर का नया अध्याय शुरू हुआ.

डॉ. विनोद पॉल विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित प्रोफेसर इहशान डौगरामैक फैमिली हैल्थ फाउंडेशन प्राइज पाने वाले पहले भारतीय हैं. उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर डौगरामैक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का संविधान हस्ताक्षरित किया था.

2017 में मोदी सरकार ने नीती आयोग का बनाया सदस्य

नरेंद्र मोदी सरकार ने अगस्त 2017 को डॉ. विनोद पॉल को (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फार्मिंग इंडिया) नीती आयोग का सदस्य बनाया था. हाल ही में एक आयोजन में डॉ. पॉल ने देश को भरोसा दिलाया था कि अप्रैल महीने के दूसरे पखवाड़े में भारत कोरोना महामारी से निपटने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने में कामयाब होगा.

पढ़ेंःबाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट ने CM रिलीफ फंड में दी 5 करोड़ की राशि

ABOUT THE AUTHOR

...view details