शिमला/रोहड़ू: देश में कोरोना के मामलों की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. कोरोना की रोकथाम के लिए पूरा विश्व एकजुट होकर प्रयास कर रहा है. दुनियाभर के चिकित्सा विशेषज्ञ एक तरफ कोरोना का इलाज खोजने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना का रामबाण कहा जा रहा है. ऐसे में हिमाचल के रोहड़ू में डॉक्टर दिव्या ने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हिमालय में उगने वाली जड़ी बूटियों से कई तरह की चाय तैयार की है.
अमूमन देखा गया है कि कोरोना संक्रमण से ज्यादातर उन लोगों की मौत हो रही है, जो या तो पहले ही किसी रोग से पीड़ित है या फिर जिन लोगों का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है. स्वास्थ्य विभाग प्रतिरक्षा तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा खान-पान और नित्य व्यायाम करने की सलाह दे रहा है. इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए जिला शिमला के रोहड़ू उपमंडल के दूरदराज जगोठी गांव की डॉक्टर दिव्या ने लॉकडाउवन कई प्रकार की स्पेशल चाय तैयार की. चाय को तैयार करने के लिए डॉक्टर दिव्या ने स्थानीय इलाकों में उगने वाली फसलों और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया है.
दिव्या ने जैव प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. लॉकडाउन के दौरान दिव्या ने घर पर रहकर कोरोना वायरस के ऊपर अध्ययन किया. डॉक्टर ने अपनी पढ़ाई का सदुपयोग कर प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए जड़ी-बूटियों का सहारा लिया. डॉक्टर दिव्या ने क्षेत्र में मिलने वाले हरबल गुच्छी, रेड राइस, कुलथी व जंगलों मे मिलने वाली जड़ी-बुटियों को इकठ्ठा कर उनपर शोध किया.
दरअसल, हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में उगने वाली गुच्छी , रेड राइस व कुलथी काफी अच्छे इम्यूनिटी बुस्टर है, जो करोना जैसी महामारी के दौरान लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है. यही नहीं, ये केंसर जैसे रोगों से लड़ने में भी मददगार हैं. डॉक्टर दिव्या ने अपने इस कार्य को जारी रखते हुए तीन किस्म की चाय तैयार करने में कामयाबी हासिल की है. डॉक्टर दिव्या का दावा है कि चाय के सेवन से न केवल कार्यक्षमता बढ़ती है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.