शिमला:हिमाचल में फ्री बिजली की घोषणा के बाद अब लोग बिजली के बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, हिमाचल में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक ही बिजली फ्री की गई है. इसके अधिक बिजली खर्च करने पर पूरा बिजली बिल उपभोक्ताओं को जारी किया जाता है. लेकिन इनमें से कई उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, इससे पहले के बिजली के बिल भी काफी संख्या में पेडिंग हैं. बिजली बोर्ड का घरेलू उपभोक्ताओं के पास 55.17 करोड़ बिजली बोर्ड का बकाया हो गया है. बिजली बोर्ड अब इन उपभोक्ताओं पर कार्रवाई करेगा.
सरकार ने पहले 60 यूनिट, फिर 125 यूनिट बिजली की फ्री:मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस साल 25 जनवरी को पूर्ण राजत्व दिवस के मौके पर हिमाचल में 60 यूनिट तक बिजली फ्री देने का ऐलान किया था. इसके साथ ही प्रदेश की 125 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों के लिए ₹1.90 रुपए की जगह ₹1 पर यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें फिक्स करने की भी घोषणा की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल को फिर से 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली फ्री देने का ऐलान किया. इस तरह अब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट बिजली खर्च करने पर कोई भी बिल नहीं देना पड़ रहा है. इन उपभोक्ताओं के लिए सर्विज चार्ज और मीटर रेंट भी माफ किया गया है. हालात यह है कि इससे अधिक खर्च करने वाले उपभोक्ता भी अब बिजली का बिल नहीं चुका रहे. इससे अब घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों की अदायगी भी बढ़ रही है. अभी तक 55.17 लाख इन घरेलू उपभोक्ताओं का देय है.
उद्योगों के 155 करोड़ के बिलों की अदायगी लंबित:हिमाचल में घरेलू उपभोक्ता ही नहीं अन्य विभागों और ओद्यौगिक इकाईयों ने भी बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे. राज्य बिजली बोर्ड का करीब 361 करोड़ रुपये के बिजली बिल अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं. ये बिल अक्टूबर माह तक बताए जा रहे हैं, जिनमें हजारों उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की अदायगी फंसी हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 155 करोड़ रुपए ओद्यौगिक ईकाइयों के पास हैं. इन उद्योगों से भी बिजली के बिलों की अदायगी करने के लिए बिजली बोर्ड को कार्रवाई करनी पड़ रही है.
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जल शक्ति विभाग के सबसे ज्यादा 70 करोड़ के बिल पेंडिंग:हिमाचल में सरकारी विभागों के भी बिजली के बिल लंबित पड़े हुए हैं. सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा बिल जलशक्ति विभाग के लंबित पड़े हुए हैं. विभाग के करीब 70.29 करोड़ रुपए के बिल फंसे हुए हैं. जलशक्ति विभाग की परियोजनाओं में पानी की लिफ्टिंग के लिए बिजली की खपत बड़ी मात्रा में होती है. इनके बिजली के बिलों की अदायगी भी लंबित पड़ी हुई है. कृषि विभाग के भी करीब 4 करोड़ के बिजली के बिलों की अदायगी नहीं हुई है. इनके अलावा अन्य विभागों के पास भी करीब 25 करोड़ के बिल लंबित हैं.